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इस एक फ़ोटो ने सावन के कुछ अंधों की आंख में….

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इस एक फ़ोटो ने सावन के कुछ अंधों की आंख में आज रौशनी का विस्फोट कर , उत्साह का संचार कर दिया है। इस विस्फोट और इस के संचार की कुल इबारत यह है कि वर्तमान सरकार जा रही है , हरी वाली सरकार आ रही है। वेरी गुड है। तफ़सील यह भी है कि अफ़सर लोग कुत्ते होते हैं। समय रहते ही सब सूंघ लेते हैं। स्वागत की तैयारी कर लेते हैं। आदि-इत्यादि। पर अफसरों की इस मनोवृत्ति को सूंघने वाले और शक्तिशाली घ्राण शक्ति वाले यह कुत्ते होते हैं। जो बहुत जल्दी यह सब सूंघ कर ताड़ लेते हैं और बता भी देते हैं।
लेकिन हरे रंग की आमद बताने वाले , हरे रंग में अपनी बीमारी की दवा ढूंढने वाले यह मतिमंद भूल जा रहे हैं कि जो लाल रंग जा रहा है , लाल टोपी वाले वही हैं , जिन को वह लाना चाह रहे हैं। लेकिन सावन के अंधे ठहरे ! हरे में अपनी दुनिया खोजते हैं। यह मतिमंद लोग यह भी नहीं सोच रहे कि अब की के चुनाव में हरे रंग के पुराने सारे टोटके यथा जालीदार टोपी , फतवा , हरा आदि की का कोई नामलेवा क्यों नहीं रहा। सब छुट्टा सांड़ों के साथ हरी-हरी घास चरने क्यों चले गए।
आवास , जिलाधिकारी , अयोध्या के हरे रंग की इस पट्टिका ने लेकिन क्या तो जोश भरा है , इन बेसब्र और विकल आत्माओं में ! अल्लाह करे कि इन का यह जोश बना रहे और इन की बीमारी का निदान जल्दी हो। क्यों कि एक नहीं , कई बीमार दीवारों पर यह फ़ोटो आज घूमते देखा है। तो इन बीमार लोगों को औषधि शीघ्र मिले , यही कामना है और प्रार्थना भी। हसरत जयपुरी ने लिखा ही है :
अल्लाह करे जोर शबाब और जियादा
छलके तेरी आँखों से शराब और जियादा
खिलते रहे होठों के गुलाब और जियादा

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