यूँ बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में समंदर किनारे एक Zoo किसिम का Aquarium हैं जिसमे Whale Shark जैसी बड़ी मछलियां रखी जाती हैं , पर्यटकों के लिये ।
अब जैसा कि नियम है कि आप किसी स्वस्थ पशु पक्षी को 6 महीने से ज़्यादा किसी Zoo में नही रख सकते ।
6 महीने बाद आपको उसे वापस उसके प्राकृतिक माहौल में छोड़ना होता है ।
तो ऑस्ट्रेलिया के इस Zoo से भी Whales को 6 महीने बाद समंदर में वापस छोड़ दिया जाता है ।
पर ये आज़ाद होने के बाद भी गहरे समंदर में नही जातीं , वहीं Zoo के इर्द गिर्द मंडराती रहती हैं ।
दरसल Zoo में इनको आदत पड़ जाती है फिरी फोकट में खाने की । अब गहरे समंदर में जा के कौन करे शिकार ?
यहीं पड़े रहो । सैलानी जो थोड़ा बहुत फेंक देते दया करके उसी पे गुज़ारा करते रहो ।
ऐसे में Zoo वाले सैलानियों को सख्ती से रोकते हैं ।
Whales को कुछ भी डालना मना है ।
फिर जब कुछ दिन भूखी मरती हैं तो झक मार के जाती हैं , समंदर में , शिकार करने ।
देश मे बिजली को ले के जो हाहाकार मचा है वो कितना असली है और कितना Manufactured है पता नही ।
पर सरकार को चाहिये कि इस Crisis को लंबा चलने दे । बल्कि और बढ़ा दे । वाकई डिभरी बेना युग वापस लिया दे ।
तब शायद समाज को अक्ल आये कि Solar पे शिफ्ट होना क्यों जरूरी है ।
जिस सोसाइटी में हम रहते हैं वो नई बनी है ।
लगभग 5000 flats होंगे ।
35 लाख से ले के 1 करोड़ तक के ।
न तो Water हार्वेस्टिंग का कोई प्रावधान न Solar Energy का ।
न बिल्डर का कोई रुझान न सरकार का ।
जबकि सरकार को ये चाहिये कि हर फ्लैट के लिये Solar Panel अनिवार्य हो।
जो 35 लाख का flat ले सकता वो 36 का भी ले सकता है ।
हर घर flat पे Solar panel को अनिवार्य करो।
समाज , गांव / शहर के हर Office , Mall , दुकान , महल , हवेली , बंगले , कोठी , Flat , घर , झोपड़ी झुग्गी के लिये Solar अनिवार्य करो ।
इसके अलावा कोई हल नही