Home हमारे लेखकनितिन त्रिपाठी कहानी सेलर आशू सिंह के मरणोपरांत शौर्य चक्र पाने की

कहानी सेलर आशू सिंह के मरणोपरांत शौर्य चक्र पाने की

by Nitin Tripathi
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कहानी सेलर आशू सिंह के मरणोपरांत शौर्य चक्र पाने की

कुछ वर्षों पूर्व दिल्ली में एक फ़ाइव स्टार होटल में एक राजस्थानी सास बहू से मुलाक़ात हुई. कपड़े, झिझक बता रही थी कि वह पहली बार किसी ऐसे होटल में रुके हैं. शाम को tv देखा तो समझ आया सेलर आशू सिंह को मरणोपरांत शौर्य चक्र मिला था. यह उनके माँ और पत्नी थे जो राजधानी आए थे पुरस्कार प्राप्त करने.
अच्छी बात यह थी कि सरकार ने उन्हें ससम्मान दिल्ली बुलाया. दिल्ली में उन्हें उसी होटल में रखा जिसमें खुद रक्षा मंत्री रुकते हैं. पूरी आव भगत vvip ट्रीटमेंट होटल में था. अच्छा लगा, नहीं बस कुछ वर्षों पूर्व ही UPA सरकार में 26/11 हमले में मारे गए कमांडो के परिवार वालों को बोलते थे कि तुम्हारा लड़का शहीद हुआ इस लिए साक्षात मैं तुम्हारे दरवाज़े आया नहीं तो कोई कुत्ता भी यहाँ न लोटता.
भाजपा सरकार में यह अच्छी बात रही कि भारत के पुरस्कारों पर जनता का विश्वास लौट आया है. प्रायः पुरस्कार उन्हें मिल रहे हैं जो डिज़र्विंग हैं. आपने खुद देखा होगा अब जब पद्म पुरस्कार मिलते हैं तो हमारे आपके बीच के अनगिनत सामान्य बैक ग्राउंड के पर देश सेवा में लगे प्रतिभाशाली लोग पुरुष्कार पा रहे हैं.
वहीं आज यस बैंक के पूर्व चेयर मैन ने बताया कि UPA सरकार में उन्हें प्रियंका गांधी से दो करोड़ की पेंटिंग ख़रीदने के लिए मजबूर किया गया कि इसके बदले पद्म भूषण पुरस्कार में उनका ध्यान रखा जाएगा.
आश्चर्य यह नहीं कि पुरस्कार पैसे पर बेंचा जाता था, वह तो सबको पता है. आश्चर्य यह है कि गांधी परिवार दो दो करोड़ की छोटी सी रक़म के लिए बिक जाता था. वैसे ज़ाहिर सी बात है यह सही रेट नहीं था, इस लिए पैसे भी गए और राणा कपूर को पुरस्कार भी नहीं मिला.

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