कुछ भी हो, भारतीय राजनीति के केंद्र में हिंदुत्व व सनातन धर्म आ चुका है और ये बदलाव 2014 के बाद से आया है।
बड़े बड़े विपक्षी नेता जिन्हें अक्षय तृतीया के बारे में मालूम न होगा। न पहले शुभकामनाएं दी होंगी। लेकिन अब माहौल बदल गया है। भले बेमन से बधाइयां दी जा रही है। लेकिन दे रहे है। क्योंकि मोदी-योगी जी की जोड़ी है न, क्या क्या न करवा दे।
इधर, अक्षय नाम रखा हुआ है। लेकिन अर्थ मालूम नहीं है। कीकू शारदा ने अक्षय कुमार से पूछा कि आपके पास तो खुद का त्यौहार है, उसपर फ़िल्म रिलीज क्यों नहीं करते है।
अक्षय के एक्सप्रेशन देखने लायक थे, इन्हें देखकर लगा, इससे पहले उन्होंने अक्षय तृतीया का नाम भी न सुना था। अभी भी मुबारकबाद दे रहे है। अक्षय तृतीया के बारे में अब भी अज्ञान है।
अक्षय तृतीया व भगवान परशुराम जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां….