Home राजनीति महाराष्ट्र में हमारे पास योगी नहीं, भोगी है-राज ठाकरे

महाराष्ट्र में हमारे पास योगी नहीं, भोगी है-राज ठाकरे

by ओम लवानिया
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मनसे चीफ ने महाराष्ट्र सरकार को 3 मई तक का वक्त दिया है कि लाउड स्पीकर उतर जाने चाहिए। पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र की सियासत उबाल पर है। राज ठाकरे के बाद निर्दलीय सांसद नवनीत राणा विवाद सुर्खियों में रहा है। नवनीत वर्ल्ड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री के निवास के बाहर हनुमान चालीसा करना चाहती थी। लेकिन ऐसा न हो पाया। राजद्रोह व अन्य का केस लगाकर राणा दंपति को जेल में डाल दिया गया।
सबसे दिलचस्प मीलॉर्ड भी तैयार बैठे थे।
इस मामले के बाद वर्ल्ड फेमस मुख्यमंत्री ने वक्तव्य दिया कि हमें दादागिरी को तोड़ना अच्छे से आता है।
सिर्फ़ महिला नवनीत राणा, बाक़ी राज ठाकरे के मुद्दे पर चुप्पी है। ख़ैर
अच्छे से याद होगा, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के वक्त योगी आदित्यनाथ बाबा ने रैली में कहा था, कि चुनाव के बाद सारी गर्मी उतार दूंगा, मई-जून को शिमला बना दूंगा। हालांकि अभी अप्रैल खत्म होने के कगार पर है, लेकिन प्रदेश का लॉ एंड ऑर्डर चिल्ड है। शांत है।
लाउड स्पीकर मुद्दे पर महज उत्तर प्रदेश सरकार के नोटिस के बाद लाउड स्पीकर उतरने लगे और आवाज़ भी धीमी हो चली।
यक़ीनन, इस कार्यकाल में बाबा यूपी को अलग दिशा देंगे, उसी राह पर चल पड़े है। कानून वाले डंडे से मुद्दे हद में रहेंगे। बाबा 2.0 में सख़्ती के साथ कुर्सी पर बैठे है। बाहुबली और अपराधी आगे चलकर सरेंडर करने लगे है।
दिलचस्प बात है प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष को पत्रकार बना रखा है। कोई घटना घटित होती है। योगी बाबा अधिकारियों को निर्देश देते है, देखिए…नेता प्रतिपक्ष क्या कह रहे है। लगातार उनकी वॉल पर नजर होनी चाहिए और जो भी घटना का जिक्र हो। तुरन्त कार्यवाही हो।
अखलेश भैया चुनाव पूर्व लिस्ट तैयार कर रहे थे, आज भी कर रहे है। लेकिन थोड़ा फ़र्क है। अभी पत्रकार बने है और क्राइम सिनेरियो की क्रम वाइज लिस्ट अपडेट कर रहे है।
योगी बाबा का जलवा तो देखिए, चिनवा काल में ऑस्ट्रेलिया ने मांग कर दी। हमें योगी जी दे दीजिए। भारत के जिस भी स्टेट में कानून व्यवस्था लाचार होती है। वहाँ से जनता की जुबां से निकलता है, काश योगी जी यहाँ होते तो सब संभाल लेते।
योगी जी के शासन में तुष्टिकरण कतई न है। राजस्थान सरकार बिजली कटौती कर रही है उसमें तुष्टीकरण है, मुआवजा दे रही है उसमें भी है, झारखंड सरकार भी इसी नक्शे कदम पर है। इन दिनों महाराष्ट्र तो आदर्श बना हुआ है।
भारतीय राजनीति में तुष्टिकरण की राजनीति की नींव कांग्रेस ने रखी और इसे क्षेत्रीय दलों ने बढ़ावा दिया। आरजेडी, जदयू, सपा, बसपा, एनसीपी आदि राजनीतिक दल तुष्टिकरण के भरोसे चल रहे है। थोड़े दिन पहले शार्ट लीव सर्कुलर में भी तुष्टिकरण देखा गया।
योगी बाबा के 1.0 कार्यकाल के कठोर निर्णय देश के राज्यों को दिशा दिखला रहे है। दंगाइयों पर सबसे पहले कड़क चाबुक योगी बाबा ने चलाया था। उसके बाद बुलडोजर निकला….जो ब्रांड बन चुका है…बुलडोजर मतलब योगी बाबा।
2027 में उत्तर प्रदेश अलग ही ब्राण्ड होगा। हर जुबां पर योगी योगी नाम होगा।

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