Home राजनीति यूपी चुनाव के पहले, दौरान और बाद में….

यूपी चुनाव के पहले, दौरान और बाद में….

by Swami Vyalok
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टिकट बंटवारे से पहले:-
योगीजीवा की कुछ चलने नहीं दिया है, मोदीजीवा और शाहजीवा। टिकट बंटवारे में देखना बिल्कुल बांधकर रख देगा। प्रचार भी करने नहीं आवेंगे दोनों। दोनों का प्लान है कि योगीजीवा को हरा दिया जाए, ताकि प्रतियोगिता ही खत्म हो जाए।
(परिणाम- मोदीजीवा मार रैली के धुआं-धुआं कर दिए। शाहजीवा दो महीने तक यूपी में ही बैठ गए। टिकट पूरी तरह योगीजीवा के मुताबिक बंटा।)
चुनाव के दौरान:-
देख रहे हो गुरु। अवध से बड़ा घाटा होगा। मोदी की रैली कुछ न कर पाएगी। केशव मौर्य फंसा दिया है, योगीजीवा को। ब्राह्मण सब बहुत नाराज है। पश्चिमी यूपी से तो अखिलेश भैया 250 सीट लेकर आ रहे हैं।
(परिणाम- बंपर बहुमत से जीत कर योगीजीवा सीएम बन गए)
चुनाव के बाद:-
भाई, हम तो पहले ही कह रहे थे। योगीजीवा काहे बार-बार दिल्ली से लखनऊ और वाइसे-वर्सा कर रहे हैं। जीत भले गए हों, लेकिन मंत्रिमंडल तो मोदीजीवा अपने मन का ही बना रहे हैं। देखे नहीं, 15 दिन से शपथ-ग्रहण नहीं हो रहा है। सुनील बंसल से सारे विधायक मिल रहे हैं। इस बार पूरा खेला है, गुरु। ब्रजेश पाठक का बॉडी लैंग्वेज देखिए। केशव मौर्य हारकर भी डीसीएम बना है। हा हा हा हा, इस बार योगीजीवा को उल्टा पड़ेगा।
(परिणाम-शपथ लेने के घंटे भर बाद योगीजीवा का काम शुरू। और हां, ब्रजेश पाठक पहिले की सरकार में मंत्री नहीं थे, सो जान लीजिए। एक अंतिम बात, जब भाजपा सोशल इंजीनियरिंग करे, तो वह जातिवाद है। बाकी, घिन आने की हद तक एंटरटेनमेंट चैनल के बबुआ-बबुनी करें या दूसरे दल वाले तो वह समाज की सच्चाई है, सबऑल्टर्न नैरेटिव है। ठीक है?)
शपथ-ग्रहण के दौरान
हा हा हा…देखे कि नहीं। पूरा संट कर दिया है, योगीजीवा को। पूरे लखनऊ में देखे हो कि नहीं, होर्डिंग में केवल मोदीजीवा हैं। साला, विधानसभा का चुनाव जीते हैं कि लोकसभा का। जिस तरह से मोदीजीवा एकमात्र सेंटर में दिखता है न, बहुतै जल्द भाजपा में तानाशाही आ जाएगी। वही तानाशाही देश में तो मौजूद है ही। जो-जो इस आदमी को चैलेंज किया, सबको दोनों गुजराती मिटा दिया। देखो न, वसुंधरा, शिवराज, रमन सिंह और अब योगीजीवा। अच्छा, आ नीतीश चा को भूल गए। कैसा धांस दिया है। लटपटा जा रहे हैं ऊ तो।

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