Home राजनीति सर्वथा अशिक्षित अज्ञानी को भी ज्ञात है कि इस संसार में कुछ भी फ्री का नहीं

सर्वथा अशिक्षित अज्ञानी को भी ज्ञात है कि इस संसार में कुछ भी फ्री का नहीं

by रंजना सिंह
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होता,सबका कुछ न कुछ मूल्य होता है जिसे प्रत्येक उपभोक्ता को प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से चुकाना ही पड़ता है,,,,,फिर भी यदि कोई फ्री का ऑफर हो तो उसे तथाकथित उच्चशिक्षित सबसे पहले लपकने का प्रयास करता है।जो राज्य जितने ही बड़े ऋण में दबे हैं,वहाँ ये फ्री वाले ऑफर सबसे बड़ी संख्या में चल रहे हैं।

कोई यह नहीं सोचना चाहता कि प्रदेश और देश पर चढ़ते और बढ़ते जा इस कर्ज की देनदारी नागरिकों की ही है जो उसके सत्ताधीश उसपर लादते चले जा रहे हैं।आज श्रीलंका पाकिस्तान पेरू जैसे अन्य कई देश प्रदेश हैं उदाहरण के लिए विश्व पटल पर,, फिर भी लोग आँख खोलना नहीं चाहते हैं।

आरक्षणासुर और सेकुलड़ासुर छोटी छोटी ख़ुराक पाते आज कितने बड़े हो गए हैं,हम देख ही रहे हैं।कोई यदि इन्हें बाँधने का प्रयास करे,इनकी ख़ुराक कम करने की सोचे भी तो वह इनका ग्रास बन जायेगा,,ऐसे में एक नए असुर मुफ्तखोरासुर को भी हमनें भस्मासुर बना दिया है जो सत्ताओं को नहीं देश प्रदेश को निगल जाएगा।

पेट्रोलियम की कीमत क्यों नहीं काबू में आ पा रही है, बीच संसद खड़े होकर हमारे जनप्रतिनिधि बता रहे हैं और विपक्ष इस सत्य का विरोध नहीं कर पा रहा है।कृपया इन तथ्यों को ध्यान से सुनें और सोचें कि व्यवस्था की एक इकाई होने के नाते हमें किस भाँति अपना कर्तब्य निश्चित करना है।सत्ता व्यवस्थाओं के इन प्रवृत्तियों के व्यापक और मुखर विरोध को यदि हम आज प्रस्तुत नहीं हुए तो हमारी अगली पीढ़ी तो छोड़िए,दशक भर के अन्दर हम ही इसके मूल्य चुका रहे होंगे।

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