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RRR फ़िल्म समीक्षा का भिन्न नजरिया

by ओम लवानिया
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RRR फ़िल्म समीक्षा का भिन्न नजरिया

फ़िल्म कंटेंट के लिए हर समीक्षक का नजरिया भिन्न होता है। जो नकारात्मक और सकारात्मक पहलुओं में लिपटा होता है। बशर्ते निष्पक्ष रहे तो। बाकी सूटकेस भरा नजरिया नहीं कहलाता है।
बहुत दर्शक व समीक्षकों को ट्रिपल आर औसत और बेकार तक लगी है। ऐसा हो सकता है। जरूरी नहीं है कि राजमौली का प्रत्येक कंटेंट बाहुबली के लेवल से ही निकले। लेकिन….लेकिन! अधिकतर दर्शकों से ट्रिपल आर को बहुमत में सकारात्मक वर्ड ऑफ माउथ मिल रहा है। उन्हें कंटेंट एंटरटेनमेंट देकर गया है। जिसे खोजने हर दर्शक नज़दीकी सिनेमाघरों में जाता है। जबकि कुछ घर बैठे मोबाइल में तलाशते है। उनके लिए ट्रिपल आर अच्छी फिल्म है। समीक्षक कितना भी पोस्टमार्टम कर ले।
उट्यूब पर तथाकथित फ़िल्म समीक्षक है। जिन्हें ट्रिपल आर कतई रास न आई। दरअसल, उन्हें अहंकार है। कि वे अपने रिव्यु से फ़िल्में हिट व फ्लॉप करवा सकते है। राधे, सत्यमेव जयते 2 आदि बड़ी फ़िल्में डिजास्टर करवाई है। तो रोज आईना देखकर मंद मंद मुस्कुराते है। कि साला भारतीय सिनेमा इतिहास में ऐसा समीक्षक कभी न हुआ है। जो फ़िल्म को हिट-फ्लॉप का स्टेटस दिलवाने की कुबत रखता हो।
रिव्यु तक मामला ठीक है। लेकिन राम चरन तेजा और एनटीआर जूनियर को भालू कहना और उन्हें तीन घण्टे झेलने वाला टॉर्चर बतलाना। इधर, रणबीर कपूर, टाइगर, रणवीर सिंह को असल सुपरस्टार कहना। मने, बॉलीवुड को साउथ इंडियन कंटेंट की सफलता कतई पच नहीं रही है। भालू जैसे हीरो पहले दिन 250 करोड़ मारकर ले जा रहे है। धीरे धीरे ही सही साउथ कंटेंट पैन इंडिया की तरफ बढ़ रहा है। पुष्पा, ट्रिपल आर उसके बाद केजीएफ़ 2 आदि।
सबसे बड़ी कसक, टीस या कहे कुढ़न है कि सबसे ज्यादा कमाई करने का रिकॉर्ड भी साउथ के कंटेंट के नाम है। यक़ीनन ट्रिपल आर उसे ओवरटेक कर लेगी। तो हाजमा बिगड़ रहा है। उधर द कश्मीर फाइल्स पहले ही राधे श्याम और बच्चन पांडे को निगल चुकी है। उसका दर्द कम था। जो ट्रिपल आर इतना बड़ा ओपन ले गई।
भालू जैसे हीरो सिर्फ दो राज्य में अपनी फिल्मों को ब्लॉकबस्टर करवा लेते है। फिर इनके कंटेंट को हिंदी रीमेक करके बॉलीवुड के तथाकथित सुपरस्टार्स पैन इंडिया पैसे कमाते है। स्टेटस लेते है। ओरिजिनल लाओ। काहे भालुओं के कंटेंट को चुराकर उसकी सफलता पर दम भरते है।
मैदान में जो अच्छा खेलेगा। वही जीतेगा। यही खेल का दस्तूर है। पर्सनल कमेंट करना, खीझ को दर्शाता है। द कश्मीर फाइल्स के प्रति भी कुढ़न निकल रही है। क्योंकि मैदान में सबको ढेर कर चुकी है। ट्रिपल आर के सामने भी शनिवार को साढ़े सात करोड़ रुपये जोड़ ले गई। जबकि ट्रिपल आर ने दूसरे दिन पैन इंडिया 90 करोड़ रुपये कमाए है। दूसरे दिन हिंदी में ग्रोथ है लेकिन दक्षिण में हल्का डाउन फॉल देखने को मिला है। 200 करोड़ के क्लब में प्रवेश ले लिया है। राम चरन को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

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