Home राजनीति इस्लाम पर बात नहीं करेंगे पर हत्या करेंगे : उदयपुर हत्याकांड

इस्लाम पर बात नहीं करेंगे पर हत्या करेंगे : उदयपुर हत्याकांड

Swami Vyalok

by Swami Vyalok
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आप गौस और रियाज की शक्ल देखिए। गजनी, गोरी, औरंगजेब, अकबर सबकी शक्ल वैसी ही होगी। थोड़ी और क्रूर, थोड़ी और वहशी, थोड़ी और खूंरेज, थोड़ी और खून से लबरेज।
पाकिस्तान क्यों अपनी मिसाइलों का नाम गौरी, गजनवी रखता है…सैफ अली और करीना खान क्यों अपने बच्चे का नाम तैमूर रखते हैं, क्यों एक राह चलता सब्जी बेचनेवाला मुसलमान भी कहता है कि उसके पुरखे 800 वर्षों तक राज करते रहे, क्यों ओवैसी जैसा वकील और अजगर वजाहत जैसा तथाकथित लेखक भी एक सुर में ईशनिंदा जैसी बातों का विरोध नहीं करते?
इसलिए कि यही इस्लाम है। यही वो कबीलाई मजहब है जिसने पूरे विश्व को आतंक की आग में झोंक रखा है। यही वो सीख है, यही वो बिंदु है, जिस पर आपको ऊंगली रखनी है। जब तक आप मुसलमानों पर बात करेंगे, इस्लाम पर बात नहीं करेंगे, उससे मुंह फेरे रहेंगे, तब तक ऐसी ही बहकी-बहकी बातें करेंगे।
कुछ चीजें बार-बार दोहराइए:
1. इस्लाम शांति का नहीं, हारे हुओं का मजहब है।
2. इस्लाम में हमेशा तीन तरह के लोग होते हैं
–गाजी या जिहादी जैसे रियाज या गौस, जो ठीक वही करते हैं, जो किताब उन्हें सिखाती है।
–अजगर वजाहत या मवाद अख्तर जैसे कवर फायर देनेवाले तथाकथित लिबरल, जो कहते हैं कि ये सच्चा मुसलमान नहीं है, इस्लाम ये नहीं सिखाता।
–तीसरे, बरखा दत्त या स्वरा भास्कर जैसे क्रिप्टो-जिहादी, जो एक शंभु रैगर के नाम पर ‘फक हिंदुत्व’ का बैनर तान देते हैं, लेकिन उनकी @#$ में दम नहीं होगा कि एक के बाद एक आतंकी इस्लामिकों की करतूतों के बाद भी कहें कि हां, आतंक का एक मजहब होता है।
बाकी, सुरक्षा में ही बचाव है।
कुरान पढ़ें, खुद को लायक बनाएं।
खुद को जुझारू बनाएं।

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