Home आर ऐ -ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) इस हिजाब मामले को इतना हल्के में न लें।

इस हिजाब मामले को इतना हल्के में न लें।

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इस हिजाब मामले को इतना हल्के में न लें।
यह आंदोलन दक्षिण भारत से शुरू किया गया है जहां अलगाववाद को वैसे भी तूल दिया जा रहा है। हिन्दू वैसे भी जहां प्रताड़ित और दबाए गए हैं और उनको उसकी आदत सी हो गई है।
साफ हो गया है कि यह उस लड़की का जान बूझकर किया गया पब्लिसिटी स्टंट था क्योंकि उसके मॉडर्न कपड़ों में भी फ़ोटोज़ आए हैं, फिर भी विदेश से मलाला और देश में हमेशा की आवाजें रूदालीगान शुरू की हुई हैं।
क्या इस बात को एस्केलेट करने की कोशिश होगी कि हम साथ नहीं रह सकते, हमें भारत का और एक बड़ा टुकड़ा काट कर दो ? शरजील इमाम, वो कश्मीर के कोई मुल्ला जी, सब की मांगें यही रही हैं।
सोच लीजिए, अगर कल मामला एस्केलेट होगा तो आप के कोलोनीज को कोई घेर कर सरकार पर दबाव न बना सके इसलिए आप की क्या तैयारी है?
युवाओं के अभिभावक, युवाओं को टोकते, पूछते रहते हैं कि उनकी फलां परिक्ष, करियर आदि के लिए क्या तैयारी है ? कभी यह सवाल भी पूछा है कि ऐसी परिस्थिति में उसकी क्या तैयारी है ? सच तो यह है कि दिन में पाँच बार युद्ध का सायरन तो आप भी सुनते हैं, भयभीत या अस्वस्थ भी होते हैं, लेकिन गत सात वर्षों में आप ने अपनी क्या तैयारी की है ?
अगर कल साबित हो जाए कि यह हिजाब मामला तो निमित्त खोजा गया था, चिंगारी का काम करने के लिए, क्योंकि बाकी तैयारी पूरी थी, तो क्या आप खुद से यह नहीं कहेंगे कि सात साल हमें भी मिले थे?
शायद नहीं, क्योंकि हम तो बस ठीकरा फोड़कर संतुष्ट होते हैं।

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