कर्नाटक में एक केस आया है जिसमें एक अधेड़ महिला 13_14 साल के बच्चे का यौन शोषण कर रही थी….
देश में जब बात बच्चों से यौन उत्पीड़न के मामलों की आती है तो दिमाग में लड़कियों के साथ होने वाली यौन उत्पीड़न की घटनाएं आंखों के सामने उमड़ने लगती हैं, लेकिन इसका एक पहलू कहीं अंधकार में छिप सा गया है. चेंज डॉट ओआरजी के माध्यम से बाल यौन उत्पीड़न के मामले को उठाने वाली याचिकाकर्ता, फिल्म निर्माता और लेखक इंसिया दरीवाल ने मुंबई से फोन पर आईएएनएस को बताया, “सबसे बड़ी समस्या है कि इस तरह के मामले कभी सामने आती ही नहीं क्योंकि हमारे समाज में बाल यौन उत्पीड़न को लेकर जो मानसिकता है, उसके कारण बहुत से मामले दर्ज ही नहीं होते और होते भी हैं, तो मेरी नजर में बहुत ही कम ऐसा होता है.”
महिलाओ द्वारा हो रहे बच्चो के यौन उत्पीड़न की संख्या में लगातार बढोतरी होती जा रही है | कौन है यह महिलाये और आखिर ये महिलाएं आ कहाँ से रही हैं..? दरअसल ये वही महिलाएं हैं जो विवाहोत्तर संबंध तलाश रहीं है , जिन्हें चरम सुख की अत्यंत तलाश है जिसके लिए वो लगातार तर्क दे रहीं है ।
पर लोग ऐसे मामलो को मानते नहीं कि लड़कों के साथ भी ऐसा कुछ हो सकता है, “इस तरह के मामले सामने आने पर समाज की पहली प्रतिक्रिया होती है कि लड़कों के साथ तो कभी यौन शोषण हो नहीं सकता, क्योंकि वे पुरुष हैं और पुरुषों के साथ कभी यौन उत्पीड़न नहीं होता.” वे आगे कहती हैं, “समाज का लड़कों को देखने का यह जो नजरिया है, वह ठीक नहीं है क्योंकि पुरुष बनने से पहले वह लड़के और बच्चे ही होते हैं और बच्चों में कोई लड़के-लड़की का भेद नहीं होता.”