हजारों फेक लॉक्ड आई डी, हिंदुत्ववादी प्रोफाइल कवर और स्वयं को उग्रहिन्दुत्ववादी सिद्ध करके वे यह नैरेटिव स्थापित करने में सफल हो रहे हैं कि–
“शासन करना सिर्फ कॉंग्रेस को आता है।”
दरअसल यह नैरेटिव उन्होंने बड़े साइलेंटली स्थापित कर दिया और हमारी ओर के गधे उसे बड़ी खुशी से ढो रहे हैं क्योंकि जूते खाने को ही शासन समझना हजार साल से फितरत हो चुकी है।
जिन्हें मु स्लिमों के सात सौ साल, ब्रिटिशों के दो सौ साल और कॉंग्रेस के सत्तर साल के जूतों की आदत पड़ी हो उन्हें मर्यादा, स्वाभिमान, राष्ट्रभक्ति व हिंदुत्व का उत्थान क्योंकर अच्छा लगने लगा?
कांग्रेस का प्रशासन अच्छा था क्योंकि उसने भिंडरावाला को पैदा किया?
कांग्रेस का प्रशासन अच्छा था क्योंकि रामलीला मैदान पर पुलिस के डंडे बजवाये?
फिर मुझे बताओ जरा कि कश्मीर, केरल और जहाँ भी मु स्लिम बहुमत में हैं वहाँ इनकी प्रशासनिक क्षमता को लकवा क्यों मार जाता है?
स्वर्णमंदिर में सेना घुसाने वालों की हिम्मत हजरत बल दरगाह में आतंकवादियों के सामने क्यों मूत्रविसर्जन कर रही थी?
कांग्रेस की तथाकथित प्रशासनिक कठोरता तब कहाँ गई थी जब 93000 सैनिकों को दामाद की तरह बैठाकर खिलाया और उन्हें सफेद रूमाल दिखाकर विदा किया जबकि बदले में अपने 263 युद्धबंदी न छुड़ा सके जो वहां सड़ सड़कर मरे।
कांग्रेस की प्रशासनिक कठोरता सिर्फ एक परिवार की सत्ता बनाये रखने के लिए होती थी जहाँ स्वाभिमान, राष्ट्रभक्ति व हिंदुत्व का कोई मोल नहीं था।
कांग्रेस मतलब देशद्रोह, परिवारवाद की गुलामी और घिनौने मु स्लिम तुष्टिकरण का मल।
जिन्हें कांग्रेसी मल में प्रशासनिक कठोरता की खुशबू आ रही है वे बेशक उसका मजा लें हम मोदी की प्यार और मनौवल से खिलाई सूखी रोटी से संतुष्ट हैं।

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