Home राजनीति क्योंकि मेरे लिए सबसे पहले देश है, उसके बाद कुछ और….

क्योंकि मेरे लिए सबसे पहले देश है, उसके बाद कुछ और….

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क्योंकि मेरे लिए सबसे पहले देश है, उसके बाद कुछ और….
इसीलिए आज सवेरे लोकतंत्र की रणभूमि (मतदान केंद्र) में अपने मताधिकार का प्रहार करते समय उत्तरप्रदेश की योगी सरकार तथा केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पिछले 5 और 8 वर्षों के दौरान उत्तरप्रदेश तथा देश में किए गए चतुर्दिक विकास का मुद्दा मेरी प्राथमिकता सूची में दूसरे स्थान पर चला गया। पहले स्थान पर सबसे गम्भीर और ज्वलंत मुद्दा बनकर कुछ चेहरे लगातार मेरी आँखों के सामने नाच रहे थे।
मेरी आंखों के सामने उस अखिलेश यादव का चेहरा नाच रहा था जिसकी सरकार ने दर्जनों हत्यारे आतंकवादियों के मुकदमे बिना शर्त वापस लेने की देशघाती कोशिश इसलिए की थी क्योंकि वो मुसलमान थे। हाईकोर्ट ने अखिलेश यादव के इरादों पर अगर रोक नहीं लगायी होती तो वो आतंकवादी बाहर आकर यमदूतों की तरह हमारे आपके जीवन के साथ मौत का खूनी खेल खुलकर खेल रहे होते। अबतक हजारों निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतार चुके होते। उन नागरिको में हम या हमारा कोई हितमित्र परिचित भी हो सकता था।
आज मतदान करते समय मुझे उस अखिलेश यादव का चेहरा याद आ रहा था जो भलीभांति जानता था कि कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने से दसियों लाख लोग मौत के घाट उतर जाएंगे। लेकिन इसके बावजूद वही अखिलेश यादव साल भर पहले कोरोना वैक्सीन का विरोध खुलेआम करने में जुटा हुआ था। अपने झूठ फरेब मक्कारी से लोगों को बरगला कर वैक्सीन नहीं लगवाने के लिए भड़काने में जुटा हुआ था।
इसीलिए आज अपने मताधिकार का प्रहार करते समय मेरी उंगली पर लगी स्याही की यह बूंद आतंकवाद और आतंकवादियों की हमदर्द तथा दासियों लाख लोगों को मौत के मुंह में झोंकने वाली “वैक्सीन विरोध” की जानलेवा घृणित राजनीति की ठेकेदार समाजवादी पार्टी तथा उसके नेता अखिलेश यादव की सत्ता में वापसी की संभावनाओं पर कहर बनकर बरस गयी।
मेरी उंगली पर लगी स्याही की यह बूंद आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस जोड़ी पर अमृत बन कर बरसी, जिन्होंने उन करोड़ों लोगों को घर बिजली पानी रसोई गैस शौचालय सरीखी न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं का उपहार दिया, जिन करोड़ों लोगों ने आज़ादी के 70 साल बाद भी इन सुविधाओं का मुंह तक नहीं देखा था।

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