वे एक बाबरी मस्ज़िद नहीं भूले जो राममंदिर ध्वस्त कर ही बनाया गया था, वे सलमान रुश्दी के फतवे को 34 साल तक नहीं भूले,वे नुपूर शर्मा को नहीं भूलेंगे,उन्हें जहाँ भी जब भी अवसर मिलेगा काफ़िर का सिर तन से जुदा करते रहे हैं,रहेंगे,, उन्होंने 800 वर्ष राज किया था इसलिए उनकी स्वाभाविक ही राजसत्ता की दावेदारी है,नहीं भूले,न भूलेंगे…
लेकिन हम भूल जायें कि हमारे देश के दोनों बाजू बेरहमी से काट दिए गए थे,नेपाल भूटान श्रीलंका अफगानिस्तान म्यानमार आदि हमारे हाथ से निकल गए, बड़े बड़े भूभाग चीन पाक को पकड़ा दिए गए……..
भैया, आप काँगियों वामियों के लिए भारत एक देश नहीं पूज्य पिताजी की जागीर थी जिसे आपने भाई भाई आपस में बाँट लिए और तथाकथित सेकुलड़ी राजनीति साधते 60-70 वर्षों में आपने स्थिति बना दी कि आज पूरे भारत में हजारों पाकिस्तान उगा दिए हैं।आज भी प्रत्येक विभाजनकारी शक्ति के साथ आप खुलकर खड़े होते हैं।
अब अधिक दुविधा नहीं हमें…..न आपको पहचानने में,,और न ही यह मानने में कि 14 अगस्त हमारे लिए “दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन विभीषिका दिवस” है और हम इसे समाधान तक इसी रूप में मनाते रहेंगे।क्योंकि यह हमारी आत्मा पर पड़ा घाव है जो आगे न पड़े,इसके लिए हमें सतत सचेष्ट रहना है।
“मज़हब नहीं सिखाता,,आपस में बैर रखना.…” इससे बड़ा सेकुलड़ी झूठ दूसरा कुछ नहीं हो सकता,जो बोलकर आपने हमें ठगा लूटा घायल किया।आप अक्षम्य हैं जी।
भारत माता की सदा ही जय रहे।
!!वन्दे मातरम!!