अगर आप किसी स्कूल में शिक्षा देने वाले अद्यापक है तो आपका परिधान क्या होना चाहिए यह आजकल कुछ शिक्षक भूल चुके है तभी तो किसी भी सरकारी स्कूल में आपको ऐसे एक या दो शिक्षक मिल जायेंगे जो स्कूल में एक नेता की वेशभूषा धारण किये होंगे जिनके मुँह में पान मसाला या गुटका होगा ऐसे लोग जब बच्चो को शिक्षा देते है तो आप अनुमान लगा सकते है की हमारे देश का भविष्य क्या होगा
लखीमसराये के एक सरकारी स्कूल में जब जिलाधिकारी जी सरकारी स्कूल का दौरा करने के लिए एक सरकारी स्कूल गए तो उनको ऐसे शिक्षक मिले जो मुँह में मसाला और परिधान के नाम पर नेता जी की पोशाक पहन रखी थी
गुलाम मानसिकता! कोई इनसे पूछे कि इनके बाप-दादा और उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों का परिधान क्या था? वेश-भूषा से ज्ञान का आकलन करने वाले बाबू टाइप मानसिकता वाले लोग तो कबीर और तुलसी को बिना पढ़े-सुने-जाने ही ‘गंवार’ घोषित कर देते!