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घोर साम्यवाद, घोर समाजवाद, घोर मानवीयता

by Umrao Vivek Samajik Yayavar
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घोर साम्यवाद, घोर समाजवाद, घोर मानवीयता :: महान समाजवादी साम्यवादी पुतिन की जय हो

 

रूस ने यूक्रेन जो एक स्वतंत्र देश है, पर हमला कर दिया, क्योंकि रूस के राष्ट्रपति व्यक्तिगत रूप से यूक्रेन को स्वतंत्र देश नहीं मानते हैं। पूरी दुनिया यूक्रेन को स्वतंत्र देश मानती है, बिना किसी संदेह यूक्रेन स्वतंत्र देश है भी, लेकिन चूंकि पुतिन व्यक्तिगत रूप से यूक्रेन को स्वतंत्र देश नहीं मानते हैं और रूस देश पुतिन की व्यक्तिगत जागीर है इसलिए जो पुतिन मानते हैं वही रूस के लोगों का भी मानना माना जाए।
चूंकि पुतिन व्यक्तिगत रूप से यूक्रेन को स्वतंत्र देश नहीं मानते हैं, इसलिए यूक्रेन को स्वतंत्र देश होते हुए भी अपने बारे में निर्णय लेने का अधिकार नहीं। रूस की सीमा से जुड़े हुए कई देश हैं जिन्होंने पुतिन के रूस के राष्ट्रपति रहते हुए नाटो की पूर्ण सदस्यता ली, लेकिन पुतिन को परेशानी नहीं थी, लेकिन जब यूक्रेन ने यह करना चाहा तो पुतिन को भारी समस्या हुई, क्योंकि पुतिन यूक्रेन को स्वतंत्र देश नहीं मान कर अपनी जागीर मानते हैं।
पुतिन ने रूस के लोगों से झूठ बोलते हुए, फर्जी कहानियां गढ़ते हुए, फरेबी बहाने बताते हुए यूक्रेन पर हमला किया। जब रूस में लोगों को सच मालूम होना शुरू हुआ तो सच बताने वाले मीडिया को बैन कर दिया, 15 सालों की जेल का प्रावधान कर दिया। केवल वही रूसी मीडिया चल सकता है जो रातदिन पुतिन-पुतिन करे (गोदी-मीडिया से भी हजार गुना बढ़कर)।
रूसी आम लोग जो पुतिन के हमले का विरोध कर रहे हैं, उनको वर्षों के लिए जेल में डाला रहा है। जो रूसी आम लोग अपने ब्लाग बनाकर आम रूसी लोगों तक सच पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, उनको भी वर्षों के लिए जेल में डाला जा रहा है।
पुतिन भोजन, पानी, दवा व शरणार्थियों के लिए युद्धविराम की बात करते हैं लेकिन शरणार्थियों को केवल रूस व पुतिन के गुलाम देश बेलारूस की ओर ही जाने की इजाजत होती है ताकि पुतिन इन लोगों को बंधक बनाकर यूक्रेन के लोगों को ब्लैकमेल कर सकें। साथ ही, रूसी आम जनता को यह दिखा सकें कि देखो हमने इसी कारण यूक्रेन पर हमला किया था क्योंकि हमें इन लोगों यूक्रेन में हो रहे आत्याचारों से मुक्त कराना था।
यूक्रेन का कोई भी बंदा अपनी इच्छा से रूस या बेलारूस नहीं जाना चाहता है, यदि ये लोग युद्धग्रस्त इलाकों से निकल कर पोलैंड, रोमानिया या ऐसे ही किसी अन्य देश में जाने के लिए युद्धग्रस्त इलाकों से निकलने का प्रयास करते हैं तो रूसी सैनिक बर्बरता के साथ सीधे गोली मारकर हत्या कर रहे हैं। पुतिन का आदेश है।
पुतिन कहते हैं कि यदि वे नहीं तो दुनिया के रहने की क्या जरूरत है। ऐसी मानसिकता रखने वाला पुतिन, परमाणु युद्ध की धमकी देता है। परमाणु बिजलीघरों पर हमला करता है, दुनिया को खतरा होता है तो होए पुतिन के ठेंगे से।
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यूक्रेन के आम लोगों को पुतिन के सैनिकों से अपनी स्वतंत्रता व अस्मिता के लिए लड़ते देख, दुनिया के अनेक देशों के लोग अपनी नौकरी अपना व्यापार छोड़ अपनी जान हथेली पर ले, व्यक्तिगत स्तर पर यूक्रेन पहुंच रहे हैं ताकि वे यूक्रेन के आम लोगों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े हो सकें। जो भी आम लोग इस तरह की सोच रखते हैं, ये सब के सब साम्राज्यवादी हैं।
जबकि रूस सीरिया (जिसे रूस ने अपना गुलाम बना रखा है) से लोगों को पैसे देकर किराए पर यूक्रेन में युद्ध लड़ने के लिए बुला रहा है ताकि रूसी सैनिकों की मौतें देखकर रूस के लोग पुतिन के खिलाफ विद्रोह नहीं कर दें। दूसरा मरता है तो मरे, रूसी न मरे। ऐसा करना साम्यवाद है, समाजवाद है।
स्वेच्छा से व्यक्तिगत स्तर पर अपना ऐश्वर्य भरी जिंदगी छोड़, अपने परिवार व अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए अपनी-अपनी सरकारों द्वारा मना किए जाने के बावजूद बिना वेतन, बिना सुविधा ऊपर से खुद अपना पैसा लेकर यूक्रेन पहुंच कर वहां के आम लोगों के साथ खड़े होकर पुतिन की सेना का प्रतिरोध करना। घोर साम्राज्यवाद है।
पुतिन द्वारा अपने द्वारा गुलाम बनाए गए देश से गरीब गुलामों को फुटकर पैसा देकर यूक्रेन में लड़ने के लिए भेजना ताकि रूसी सैनिक न मरें और यूक्रेन पर कब्जा हो रूस का। यह घोर साम्यवाद है, घोर समाजवाद है।
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**चलते-चलते**
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पुतिन ऐसा क्यों कर रहा है, क्योंकि यही करना साम्यवाद है समाजवाद है, ऐसा नहीं करना साम्राज्यवाद है। अमेरिका व योरप साम्राज्यवादी हैं, और रूस साम्यवादी समाजवादी। बोलो साम्यवाद की जय, बोलो समाजवाद की जय, बोलो पुतिन की जय।
इस पोस्ट को लिखने बाद मैं महसूस कर रहा हूं, कि मैं भी चिंतक हो गया हूं, मैं भी साम्यवादी हो गया हूं, मैं भी समाजवादी हो गया हूं। वरना मैं साम्राज्यवादी था, पाश्चात्य मीडिया से प्रभावित था। लेकिन अब सब ठीक हो गया, मैंने अपने आपको पाश्चात्य मीडिया के चंगुल से मुक्त करा लिया, मैं साम्राज्यवादी से साम्यवादी समाजवादी हो गया।
मैं चाहता हूं कि पूरी दुनिया में रूस व चीन का साम्यवाद फैले। जो ताकतवर है वही जिंदा रहे, जो कमजोर है उसको या तो गुलाम बना लिया जाए या हत्या कर दी जाए। क्योंकि यही है असली साम्यवाद असली समाजवाद। बकिया सब साम्राज्यवाद है। पूरी दुनिया में साम्यवाद समाजवाद की स्थापना हो।
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विवेक उमराव

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