Home चलचित्र जब अमिताभ बच्चन को लेकर दो नए निर्देशक डेब्यू कर रहे थे।

जब अमिताभ बच्चन को लेकर दो नए निर्देशक डेब्यू कर रहे थे।

ओम लवानिया

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बात उन दिनों की है जब अमिताभ बच्चन को लेकर दो नए निर्देशक डेब्यू कर रहे थे। अभिनेता देवन वर्मा ‘बेशर्म’ और चंद्र बरोट ‘डॉन’। सबसे दिलचस्प बात है कि दोनों की फ़िल्म में अमिताभ बच्चन, हेलन तो थे ही, साथ ही दोनों फिल्मों के ओपनिंग टाइटल कमोबेश एक जैसे ही थे। हुआ यूं कि दोनों फिल्मों के निर्देशक एक ही स्टूडियो में डबिंग कर रहे थे। डॉन के ओपनिंग सीन की डबिंग होनी थी। लेकिन अभिनेता राज सिंह स्टूडियो नहीं पहुँचे। तब चन्द्र बरोट ने देवन से कहा कि ‘देवन मेरे इस सीन की डबिंग तुम कर दोंगे, मेरा डबिंग आर्टिस्ट आया नहीं है’
देवन भी उस वक्त फ्री थे। कलाकारों की राह देख रहे थे। देवन ने ‘हां’ कह दिया। सीन डब हो गया।
देवन ने चंद्र से कहा कि ‘प्लीज मैं उस सीन को देखना चाहूंगा’
चन्द्र ने कहा ‘व्हाई नॉट’। देवन ने सीन देखा, इस सीन के बाद ही फ़िल्म के ओपनिंग क्रेडिट्स शुरू हो जाते है। फिर क्या देवन उस स्टाइल को उठा ले गए। और अपनी फिल्म में यूज कर लिया। यूनिक ओपनिंग स्टाइल था। जिसमें फ़िल्म के कुछ सीन्स नेगेटिव शेड्स रेड और ग्रीन में टाइटल के बैक ग्राउंड में चल रहे थे।
बेशर्म पहले रिलीज हुई। चंद्र बरोट के असिस्टेंट ने कहा कि ‘सर फ़िल्म का ओपनिंग टाइटल हूबहू डॉन जैसा है’
चन्द्र मामला ताड़ गए और बोले कि कोई नहीं नकल में भी अक्ल की जरूरत होती है।
ठीक उसी प्रकार रील से रियल में देखें तो मुगल डकैतों ने सनातनी धरोहर को कब्जाने में ऐसे ही किया था, क्योंकि इनका खुद का तो कुछ न था। बस भारत में जो भी देखा व मिला, उसे तलवारों के दम पर अपने धर्म से जोड़ते गए। काशी में बाबा विश्वनाथ के ज्ञानवापी को अपना तो बना गए, लेकिन नाम, व उसके असल मूल को न बना पाए। नंदी महाराज को मिटाने की कोशिश की, लेकिन खुद मिट गए। सबसे अव्वल ज्ञानवापी सनातनी शब्दकोश का अक्षर है। काफ़िरों से नफरत है लेकिन उनके संसाधनों को हथियाना है। जिन संस्कृति का आधार मूल होता है न, उन्हें दूसरों से लूटने व कब्जाने की जरूरत नहीं है।
सनातनी संस्कृति सबसे बड़ी और प्रचीन धरोहर है जो विश्व को राह दिखला रही है, विश्व के संचालन में इसका ही महत्व है। सनातन धर्म ने सदैव दिया है किसी से छीना नहीं है, सहिष्णुता कूट कूटकर भरी हुई है। सभी को सहायता दी है।
हैदराबादी के वक्तव्य से गदर फिलिम का हैंडपंप सीक्वेंस ताजा हो जाता है, जब तारा सिंह पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर देता है। सिर्फ़ वक्तव्य है क्योंकि अच्छे से मालूम है बाबा बिटवीन टू लेग्स….इतनी कुटाई करते है और बुलडोजर अलग चलाते है, तब ऐसी अवस्था में 10 पुश्तों से आवाजें आती है…मज़ाक कर रहा था।

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