धोखे में रहोगे तो भोगोगे…
दुनिया भर की सुरक्षा एवं जांच एजेंसियों द्वारा तथा पर्यटन उद्योग से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा दुनिया के सबसे खतरनाक देशों की सूची जारी की जाती है। इस सूची के देशों का अर्थ यह ही होता है कि यहां रहने वाले लोग हिंसक पागल कुत्तों की तरह खतरनाक होते हैं। इनके बीच जाना ठीक नहीं।
हाल ही में ऐसे 15 देशों के नामों की जो सूची जारी की गयी है उसमें यूक्रेन को छोड़कर शेष 14 नाम उन देशों के हैं जिनकी 90% या उससे अधिक जनसंख्या 72 हूरों की आशिक है और यह मानती है कि धरती गोल नहीं चपटी है। यूक्रेन का नाम उस सूची में रूस के साथ युद्ध के तात्कालिक कारण ही है।
उल्लेखनीय है कि जिन मोहल्लों और इलाकों में रामनवमी तथा भारतीय नववर्ष पर हमले और दंगे हुए हैं। उन इलाकों की जनसंख्या का चेहरा और चरित्र भी सबको ज्ञात है। अतः चौंकने, दुःखी होने के भ्रमजाल में उलझ कर खुद को धोखे में मत रहिए। दुनिया को इजराइल ने और भारत में योगी बाबा ने उत्तरप्रदेश में दिखाया है कि इन पागल कुत्तों का इलाज क्या है। उन्होंने यह बताया दिखाया है कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते हैं।
यही कारण है कि यूपी में धूमधाम से भारतीय नववर्ष भी मनाया गया और रामनवमी भी मनायी गयी। कहीं कोई कुत्ता ना पागल हुआ, ना भौंका, ना किसी को काटने की कोशिश की। असम में हिमंत बिस्वसरमा और मप्र में शिवराज सिंह चौहान ने भी इन पागल कुत्तों का इलाज योगी बाबा की पद्धति से ही करना शुरू कर दिया है। लेकिन यह उपचार पर्याप्त नहीं है। इन पागल कुत्तों के इलाज की तैयारी युद्धस्तर पर व्यक्तिगत रूप से, हर समूह, हर कॉलोनी, हर मोहल्ले, हर सोसायटी में करना प्रारंभ कर दीजिए। इन पागल कुत्तों को अब यह समझाना बहुत जरूरी हो चुका है कि त्योहारों पर बवाल करना केवल इन पागल कुत्तों का ही विशेषाधिकार नहीं है। माथा किसी का भी घूम सकता है, कभी भी घूम सकता है, कहीं भी घूम सकता है।
अगर यह नहीं समझोगे… धोखे में रहोगे तो भोगोगे…