पाकिस्तान के पंजाब में आज 20 सीटों पर इलेक्शन थे, जिन्हे हम उपचुनाव कहते है। यह चुनाव उन सीटों पर थे जहां के विधायको ने क्रॉस वोटिंग कर के पंजाब में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) की सरकार गिराई थी। जिसके मुख्यमंत्री इमरान की तीसरी पत्नी, पिंकी पीरनी यानी बुशरा बीबी की पसंद, उस्मान बजदर हटाए गए थे। उसके बाद, नवाज शरीफ की पार्टी, पकिस्तान मुस्लिम लीग (PMLN) और इस समय केपाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, जो नावाज शरीफ के छोटे भाई है, उनके सुपुत्र हमजा शरीफ बने है।
यह माना जारहा था की इन उपचुनाव में इमरान खान की पीटीआई, खराब प्रदर्शन करेगी क्योंकि उसने पाकिस्तान को आर्थिक रूप से डूबा दिया है। लेकिन, जो इस चुनाव के अंतिम प्रहर में परिणाम आते दिख रहे है, उसमे इमरान खान की पार्टी, जबरदस्त रूप से जीतती दिख रही है।
मैं समझता हूं की यह भारत के लिए एक सात्विक संकेत है। जो आगे के भविष्य में होने जरहा है, वह प्रारब्ध स्वरूप घटित होता दिखने लगा है। जब से इमरान खान हटा था तब से मैं बेचैन था, दिल में धुकधकी मची हुई थी क्योंकि उसके हटने से पाकिस्तान के टुकड़े होने में एक दशक की देरी और होनी थी।
यूक्रेन और रूस के युद्ध के बाद, भारत की भूमिका से अप्रसन्न, अमेरिका का बाइडेन प्रशासन, भारत पर दबाव बनाने के लिए, पाकिस्तान को आईएमएफ और सऊदी अरेबिया, कतर वा यूएई के रास्ते, अब तक अराजकता और टूटने से बचा रहा था। उसके परिणामस्वरूप, पाकिस्तान के खात्मे की 2027/28 की समय सीमा से, 2035 के आगे बढ़ जानी थी। सिर्फ यही नहीं, इमरान खान की पार्टी की पंजाब में होने वाली जीत का यह भी अर्थ है की इतिहास में पहली बार, पाकिस्तान की इस्टेब्लिशमेंट यानी पाकिस्तानी सेना में, दो फाड़ हो चुके है।
यह भारत के लिए शुभ है।
इसका अर्थ यह भी है की भारत में हिंदुओं के रक्तपात और भारत में अराजकता की अब सुनामी आने वाली है। मैं मानता हूं की यह आवश्यक है क्योंकि बिना स्वयं के रक्त से हिंदुओ द्वारा मां भारती का अभिषेक किए, उनके द्वारा शतब्दियों से सनातन के विरुद्ध किए गए अपराधों से अर्जित पाप से, हिंदुओं को प्रायश्चित नही मिलेगी।