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पेट की मार पीठ से अधिक जोर की होती है

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पत्थर चलाना एक बहुत बड़ी टैक्टिकल खोज है. आप टेक्निकली निहत्थे सिविलियन हैं. पत्थर कोई हथियार नहीं काउंट होता, किसी परमिशन की जरूरत नहीं होती. आपको भरोसा है कि उसके जवाब में पुलिस या फौज आपपर गोली नहीं चलाएगी

 

क्योंकि आप एक डेमोक्रेटिक देश में हैं. अगर कोई कारवाई हुई तो आपके पास पूरी दुनिया में चिल्लाने के लिए बहाना है कि सरकार निहत्थों पर गोली चला रही है.

 

अगर पत्थर एक टैक्टिकल खोज है तो बुलडोजर उसका सटीक टैक्टिकल जवाब है. सरकार कोई सैनिक या पुलिस कारवाई नहीं कर रही, बस एक एडमिनिस्ट्रेटिव कारवाई कर रही है…अवैध अतिक्रमण हटा रही है. और पेट की मार पीठ से अधिक जोर की होती है.

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