Home मधुलिका यादव शची बिरसा मुंडा जो बात राम कृष्ण अर्जुन की किया करते थे | प्रारब्ध

बिरसा मुंडा जो बात राम कृष्ण अर्जुन की किया करते थे | प्रारब्ध

लेखिका - मधुलिका शची

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बिरसा मुंडा जो बात राम कृष्ण अर्जुन की किया करते थे , स्वयं में उन्हीं को खोजते थे ,कितनी चालाकी से उनकी इन बातों को छिपा लिया गया ताकि आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें ईसाई बनाया जा सके…….
कैसे हमारे महापुरुषों को हमसे ही छीनने की साजिशें हुई हैं और कैसे हमें कई भागों में तोड़ने की कोशिशें की जा रही है….
कुछ लोग कहते हैं आदिवासी हिन्दू नहीं हैं तो ये बताओ यहां हिन्दू कौन है..?
इस हिसाब से तो कोई भी हिन्दू नहीं है क्योंकि कोई वैष्णव है , कोई शाक्त है, कोई शैव है..!
फिर हिन्दू कौन हुआ..?
सुनो ..! हिन्दू कौन है..?
हिन्दू वह है जो बुद्ध को भी माने ,राम को भी माने
हिन्दू वो है जो जैन तीर्थंकर ऋषभ देव को भी माने, शिव को भी माने
हिन्दू वो है जो अरिष्टनेमि को माने तो कृष्ण को भी माने
हिन्दू वो है जो गुरु नानक की भी माने , आदि शंकराचार्य को भी माने..
हिन्दू वो है जो बिरसा मुंडा को भी आदर्श माने , भगत सिंह को भी माने।
जो समस्त तत्वों को समझने का प्रयत्न करे वो हिन्दू है जो सीमा से परे और सीमा का भी ज्ञान रखे वो हिन्दू है..
हिन्दू वास्तव में संस्कृति का परिचायक बन चुका है जिसमें अलग अलग धारा होने के बाद भी संगम का निर्माण होता है जिसमें स्नान करके व्यक्ति मोक्ष और शांति को प्राप्त होता है..
इसमें इतनी शक्ति है कि ये बड़े बड़े जलाशयों को भी अपने में समाहित कर सकता है , इसकी इसी शक्ति के कारण खुद को इससे अलग दिखाने के लिए कई गढ्ढे इससे बैर लेते हैं पर नियति उनकी भी यही है जब हिंदुत्व का सागर उनसे मिलने आएगा तो उन्हें सागर में मिलना ही पड़ेगा क्योंकि गड्ढे का तो सीमित व्यक्तित्व है लेकिन सागर तो विशाल व्यक्तित्व लेकर खड़ा है आखिर कब तक उससे बैर करोगे…!!!
किसी न किसी रूप में उससे मिलना ही पड़ेगा चाहे भाप बनकर वर्षा के पानी के रूप में मिलो या सागर स्वयं तुम्हें समेट ले….
हिन्दू एक सुरक्षा की छत है जिसके नीचे हर पंथ वाला सुरक्षित रहेगा जो भी इससे बाहर जाने का प्रयत्न करेगा उसे आततायी शक्तियां नष्ट कर देंगी…
समझो,विचारों , जानो और आगे बढ़ो….

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