Home राजनीति बिहार में कभी नक्सलवाद लूट पाट चरम पर था…

बिहार में कभी नक्सलवाद लूट पाट चरम पर था…

306 views
बिहार में कभी नक्सलवाद लूट पाट चरम पर था, हमारे उत्तर प्रदेश में एक समय लोग कहते थे कि गया जी उसी को भेजो जो खुद गया के लायक हो गया हो।
कोई भरोसा नहीं जिंदा वापस आएंगे या नहीं…..
ऐसी कई तरह की बातें चला करती हैं अभी भी कुछ लोग उस समय के अपने अनुभव बताते हैं।
बिहार में तब एक व्यक्ति उठे और बोले:
बहुत हुआ अब जवाब देना ही पड़ेगा, ” ब्रम्हेश्वर मुखिया”
कमाल की बात तो ये है कैसे इतनी जल्दी उन्होंने लोगों को लड़ने के लिए राजी कर लिया क्योंकि हिंदुओं में जितनी भी जातियाँ हैं इनको जम्हाई बड़ी जोर से आती है और क्षण भर में पसर जाते हैं ।
खैर , उन्होंने लोगों के दिमाग में यह बात डाल दी कि ठीक है भाग जाओ, मत लड़ो, जीवित रहने के लिए पलायन ठीक है पर कब तक ..!!!!!
कहाँ तक.?????
कितनी देर तक.???
जहां जा रहे हो वहां से भागने की स्थिति कभी नहीं बनेगी इसकी क्या गारंटी है ..?
यदि कोई गारंटी दे तो ठीक है, भाग जाओ…
खैर, लोग उनकी बात सुनने लगे और प्रतिउत्तर देने लगे जिसके कारण नक्सलवाद की कमर टूट गयी ।
लोग कहते हैं यह जातिवादी प्रतिक्रिया थी, जी बिल्कुल हो सकता है यह जातिवादी प्रतिक्रिया हो मगर क्या नक्सलवाद को जस्टिफाई करने के लिए आप जातिगत आरोप लगाकर चुप करा सकते हैं…?
खैर मुझे उस बहस में नहीं पड़ना, सीधा कहना है आप क्यों नहीं जातिवादी हो जाते..?
अरे कश्मीर के कश्मीरी पंडित जातिवादी हो जाएं..
मेवात के मेवाती दलित जातिवादी हो जाएं और कर दें सफाया जिनकी वजह से उनका पलायन हो रहा है…
जिस प्रकार से नक्सलवादी भटके हुए है वैसे ही इस्लामिक आतंकी भटके हुए हैं और इन्हें तभी ठीक किया जा सकता है जब हिंदुओं में एक नहीं सैकड़ों ब्रम्हेश्वर मुखिया पैदा होंगे और लोग बिना सवाल किए उनके पीछे चल देंगे।
अरे कब तक भागोगे आप..?
कितना..?
शर्म नहीं आती तुम धन दौलत म्लेच्छों के लिए इकठ्ठा कर रहे हो..?
एक बात और ,
क्या बरमेश्वर मुखिया को सरकार और प्रशासन का सहयोग था..?
नहीं ना…!!!!!!!!
तो तुम क्यों आशा लगाए बैठे हो..?
इस्लामी आतंकी तुम्हें गलत नाम नहीं दिए हैं
” हिन्दू बनिया” जो सिर्फ दौलत और जमीन बस इकठ्ठा करता है, जान की बात आने पर भाग लेने की प्रवृत्ति बना लिया है।
याद रखो 2065 में यह देश तुम्हारा नहीं रहेगा यदि अब भी डट कर खड़े नहीं हुए तो, कोई भी सेना , कोई भी पुलिस तुम्हें नहीं बचा पाएगी।
यह बात गांठ बांध लो, वरना भुगतो..!

Related Articles

Leave a Comment