Home मधुलिका यादव शची भगवान परशुराम प्रमुख भगवानों में क्यों शामिल नहीं हैं…? | प्रारब्ध

भगवान परशुराम प्रमुख भगवानों में क्यों शामिल नहीं हैं…? | प्रारब्ध

लेखिका - मधुलिका शची

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अभी एक प्रश्न आया कि भगवान परशुराम प्रमुख भगवानों में क्यों शामिल नहीं हैं…?
उत्तर यह है कि भगवान कोई भी प्रमुख या किसी से कम नहीं होता हर भगवान के माध्यम से परम ब्रम्ह लीला करने आते हैं।
जहां हल का कार्य है वहाँ सुई से काम तो नहीं लिया जा सकता न ..? और जहां सुई से काम चले वहां हल से काम नहीं लिया जा सकता..!
जितना कार्य करने की आवश्यकता थी उतनी लीला के साथ परमब्रम्ह ने मानव शरीर को धारण किया।
दूसरी बात,
भारत में भक्ति काल का बड़ा प्रभाव पड़ा है और भक्ति धन प्राप्त करने के लिए अवतारों में राम कृष्ण को जनता ने माध्यम बनाया क्योंकि वो सम्पूर्ण मानव जीवन जीते हैं, विवाह करते हैं, पिता बनते हैं, गृहस्थ्य में रहते हैं इसलिए जनता से वो अधिक जुड़ जाते हैं।
परशुराम एक मिशन पर हैं जिसे पूरा करने के बाद आचार्यत्व ग्रहण करके गृहस्थी से कोसों दूर रहते हैं अब भला ऐसा जीवन किस गृहस्थ्य वाले को चाहिए होगा …?
हर कोई तो परिवार चाहता है न..?
बस यही कारण है ।
और सबसे प्रमुख बात,
आने वाला युग सतयुग कलयुग के प्रभाव के टकराव का काल है , इस काल में परशुराम बहुत ही अधिक प्रासंगिक हो जाएंगे क्योंकि जब लोगों को पता चल जाएगा हर किसी को अपनी लड़ाई खुद लड़नी है वो भी बिना किसी सत्ता के सहयोग के तो ऑटोमैटिक हर हिन्दू के अंदर परशुराम आदर्श के रूप में जाग्रत हो जाएंगे क्योंकि तब उसका जीवन परशुराम के जीवन के निकट आ जायेगा, परिस्थितियां एक जैसी दिखने लगेंगी…..
तब कोई भी हिन्दू इस बात का रोना नहीं रोयेगा कि हमें सरकार से मदद नहीं मिल रही या मेरे अपने लोग ही मेरा समर्थन नहीं कर रहे
बल्कि तब वह दहाड़ कर कहेगा ;
मैं अकेला ही निर्माण विनाश सहयोग रचने में सक्षम हूँ और फिर कई लोग उसके ही जैसे बनकर जुड़ते जाएंगे,
औऱ तब से कोई भी हिन्दू पलायन नहीं करेगा बल्कि वहीं अकेले रहकर भी अप्रितम साहस के साथ प्रतिरोध करेगा।
अतः यह जान लो अगला युग परशुराम का ही है ….
आप लाख चिढ़ लो, लाख क्रोध कर लो पर आप नहीं रोक पाओगे क्योंकि काल की गति यही कहती है।
समय आपके सारे प्रश्नों का उत्तर दे देगा प्रतीक्षा करो।

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