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मैं ज्योतिष में बहुत यक़ीन करता हूँ

by Nitin Tripathi
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मैं ज्योतिष में बहुत यक़ीन करता हूँ. नरेंद्र मोदी जी हों या डॉनल्ड ट्रम्प दोनो ही वृश्चिक हैं. मैं भी वृश्चिक हूँ. व्रश्चिक राशि के लोग नेवर फ़र्गेट नेवर फ़र्गिव सिद्धांत वादी होते हैं. यदि आपने कभी किसी वृश्चिक राशि वाले का भला किया है तो यक़ीन मानिए हो सकता है बीस साल बाद आपको पता भी न चले और मौक़ा पड़ने पर आपकी गुमनाम मदद हो जाए. और अगर आपने बिच्छू के उँगली की तो दस साल पंद्रह साल बाद वह डँसेगा ज़रूर, बदला.
मैंने स्वयं बीस बीस साल बाद उन उन लोगों की मदद की है जिन्हें ध्यान तक न होगा.
बदला लेने में भी ऐसा ही होता है. लखनऊ पास्पोर्ट कार्यालय में एक बाबू कार्य करता था. बहुत भ्रस्ट और बत्तमीज. एक बार पत्नी स्वसुर जी के साथ उनके पास्पोर्ट रेनूअल के लिए गई. यह वह दौर था जब पास पोर्ट कार्यालय के बाबू अपने को राजा मानते थे. चूँकि सारे डॉक्युमेंट पूरे थे तो बाबू ने बहुत अभद्रता से बात की. बुजुर्ग स्वसुर जी जो कि समाज में उस क्लर्क से हज़ार गुना प्रतिष्ठित हैं को ज़बरन खड़े रखा. कार्य होना था हुआ. पर विकास मिश्रा को मालूम न था कि उनका नाम एक विशेष डायरी में लिख गया है. कई वर्षों पश्चात तन्वी पास्पोर्ट प्रकरण में ऐसे ही रिश्वत की चाह में उनका केस वाइरल हुआ, यद्यपि हर भ्रस्ट व्यक्ति की भाँति उन्होंने इसे हिंदू मुस्लिम करने की चेष्टा की. पर विदेश मंत्री सुषमा जी थीं, कार्यवाही हुई. ट्रान्स्फ़र हुआ. कुछ समय पश्चात विजिलेंस ने विकास मिश्रा को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ़्तार भी किया. ज़बरन वृश्चिक राशि वालों से बयाना नहीं लेना चाहिए.
ऐसे ही एक भाजपा के ज़िलाध्यक्ष थे. ज़िलाध्यक्ष बनते ही उनके ऐसे दिमाग़ ख़राब हुवे कि वह बत्तमीजी से बात करने लगे. भाजपा में पद मिलता है तो निकाला नहीं जाता, वह इकलौते ऐसे रहे होंगे जिन्हें टर्मिनेट किया गया. आज भाजपा की प्रदेश लीडर्शिप में सबको मालूम है कि वह पाँच पाँच सौ में बिक जाते थे.
ऐसे ही मोदी जी का जिन जिन से पंगा हुआ, समय लगा छोड़ा उन्होंने किसी को नहीं. जब लालू बिहार में भाषण में मोदी जी का मज़ाक़ उड़ा रहे थे, व्रश्चिक राशी होने के नाते मैं समझ रहा था बयाना ग़लत ले लिया. अंत उनका क्या हुआ सबको पता है. काशमीर के नेता जो खुल्ले आम चैलेंज करने लगे थे उनका क्या हुआ सबको पता है. चाहे पाकिस्तान का केस हो या कांग्रेस का – आज तक के इतिहास में कोई ऐसा ना बचा जिसने मोदी जी को व्यक्तिगत ललकारा हो और उसका अंत में सफ़ाया न हुआ हो.
कश्मीर के भी केस में 370 का सफ़ाया हुआ और हर दुष्ट काश्मीरी नेता को अंततः ढक्कन बना दिया. या तो शरण में आओ अन्यथा सत्यानाश.
सोसल मीडिया पर अधीर लोग कुछ भी होता है तुरंत मोदी जी को चैलेंज करने लगते हैं. यह नहीं पता मोदी जी खीर ठंडी करके खाते हैं और पूरी खाते हैं.
ममता हों या केजरीवाल यह सब रडार में हैं क्योंकि इन्होंने व्यक्तिगत दुश्मनी ली है, पक्का विश्वाद है मोदी जी निपट लेंगे.

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