अखिलेश भैय्या को सदैव बिग थैंक यू रहेगा कि उन्होंने साक्षात भस्मासुर का अवतार बन पूरे विपक्ष के नेत्रत्व को समाप्त कर डाला। जिस तरह से मोदी जी की कथा राहुल बाबा के बगैर सम्पन्न नहीं हो सकती, योगी बाबा की कथा मे अखिलेश भैय्या का स्पेशल चैप्टर रहेगा। भगवान सभी मित्रों को ऐसे ही विपक्षी दे।
ताजा समाचार यह है कि लखनऊ मे सरोजनी नगर से चार बार के विधायक, अरिजनल समाजवादी नेता, समाजवादी पार्टी के founding मेम्बर, अखिलेश सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री, सपा के गिने चुने ब्रह्माण नेताओं मे एक शारदा प्रताप शुक्ला आज अंततः भाजपा join कर रहे हैं।
अखिलेश भैय्या को fortuner और रथ की सवारी वाले लोग पसंद हैं। तो भैय्या जी ने लखनऊ की सारी समाजवादी पार्टी की टिकटें इसी आधार पर बाँट दी। पिछली बार भी शारदा प्रताप शुक्ल सिटिंग विधायक थे, पर उनकी टिकट काट अपने कजीन अनुराग यादव को दे दी। अनुराग हार कर वापस घर चले गए, पाँच साल फिर से शारदा प्रताप सपा को ढो रहे थे क्षेत्र मे। वैसे शारदा प्रताप पिछले चुनाव मे ही यदि भाजपा मे आ गए होते तो आज mlc / राज्य सभा मे होते, भाजपा मे जमीन पर काम करने वालों की बहुत पूंछ रहती है। पर शारदा प्रताप ठहरे खाँटी समाजवादी तो पाँच साल फिर से क्षेत्र में शिवपाल चिचा के साथ।
चुनाव के समय लखनऊ मे अपने मित्र अभिषेक मिश्रा की सीट काट पूजा शुक्ला को दे दी अखिलेश भैय्या ने। अभिषेक मिश्र ने दबाव डाला कि अगर उन्हें टिकट न मिली तो वह भाजपा join कर लेंगे तो अखिलेश भैय्या ने शारदा प्रताप की सीट अभिषेक मिश्र को दे दी। ब्राह्मण ब्राह्मण आपस में झगड़ें, निपटें।
अंततः आजिज आकर शारदा प्रताप आज सपा छोड़ भाजपा join कर रहे हैं। शारदा पुराने खाँटी नेता रहे हैं, निर्दलीय चुनाव जीते हुवे वह भी लखनऊ में। इनके भाजपा मे आने से सरोजनी नगर सीट ही नहीं बल्कि अगल बगल की कई सीटों पर प्रभाव पड़ेगा।