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रूस और यूक्रेन युद्ध से बढ़ी दुनिया में बिजली की कीमते

Vivek Umrao

by Umrao Vivek Samajik Yayavar
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रूस द्वारा यूक्रेन पर बर्बरता पूर्वक युद्ध थोपे जाने का एक बहुत बड़ा पार्श्व—प्रभाव यह है कि दुनिया के देशों विशेषकर विकसित देशों में बिजली इत्यादि की दरें बढ़ रही हैं। ऑस्ट्रेलिया में भी कुछ कम अधिक लगभग 10 से 20% तक दरें बढ़ रही हैं।
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लेकिन जब दुनिया में, पूरे ऑस्ट्रेलिया में दरें बढ़ रही हैं। तब कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया का एकमात्र ऐसा अपवाद राज्य है, जहां बिजली व पानी की दरें बढ़ने की बजाय घट रहीं हैं। हम कैनबरा के निवासी लोग जुलाई 2022 से बिजली व पानी का बिल पहले की तुलना में कम देंगे, क्योंकि बिजली व पानी की दरें घट रही हैं।
ऐसा होने का कारण यह है कि कैनबरा में वर्षा-जल संग्रहण, वाटर-ट्रीटमेंट की व्यवस्था बहुत ही अधिक उत्कृष्ट है (कैनबरा दुनिया के उन चंद अपवाद विरले शहरों/राज्यों में से है, जो किसी नदी या धरती के अंदर से पानी लेने की बजाय उल्टे नदी व धरती को पानी देते हैं। 365 दिन 24 घंटे पानी की आपूर्ति होती है, वह भी बिलकुल शुद्ध पेयजल।
कैनबरा दुनिया का पहला ऐसा वास्तविक शहर/राज्य है जो दुनिया का पहला ग्रीन-सिटी बनने की ओर बढ़ रहा है। कैनबरा में बिजली की 100% आपूर्ति अक्षय-ऊर्जा स्रोतों (सौर व पवन इत्यादि ऊर्जा) पर आधारित है। 365 दिन 24 घंटे बिजली आती है, 10-20 साल में एक-दो घंटा के लिए भले ही बिजली चली जाए।
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कैनबरा के अंदर वर्ष में लगभग 2600 जीगावाट-घंटा बिजली उत्पादित होती है जिसमें से लगभग 2300 जीगावाट-घंटा बिजली का उत्पादन पवन-ऊर्जा से होता है और सोलर से लगभग 300 जीगावाट-घंटा बिजली का उत्पादन होता है। लगभग 88% ऊर्जा का उत्पादन पवन-ऊर्जा से होता है। यह कैनबरा के अंदर का उत्पादन है, कैनबरा सरकार ने कैनबरा के बाहर दूसरे राज्यों में बड़े-बड़े पवन ऊर्जा व सोलर ऊर्जा के प्लांट लगा रखे हैं, वहां से भी आपूर्ति होती है।
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