प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण में लगे हुए मजदूरों से भी बात की उन्होंने उनसे बोला की आप लोगो ने राष्ट्र के गौरव को ऊंचा करने में और बढ़ाने में अपना योगदान दिया है आपको इस बात पर हमेशा गर्व रहेगा इस बात का जिक्र प्रधानमंत्री ने अपने दवारा किये गए ट्वीट में भी किया लेकिन
लिबरल्स मोदी विरोध में इतने विक्षिप्त हो गए हैं कि उन्हें किसी मुद्दे पर वास्तविक कमी की पहचान की क्षमता भी समाप्त हो चुकी है।
इस राष्ट्रीय प्रतीक में मूर्तिकलागत अनुपात, सौंदर्य व कलात्मकता की बात होती, तो एक स्वस्थ आलोचना हो सकती थी। सरदार की मूर्ति में भी सरदार पटेल लौहपुरुष के स्थान पर झुके कंधों वाले थकेमांदे व्यक्तित्व दिखते हैं।
लेकिन जिनका मस्तिष्क मोदीफोबिया से ग्रसित हो, उनसे स्वस्थ आलोचना की उम्मीद की भी कैसे जा सकती है।