आफ़ताब और श्रद्धा की जान पहचान एक सोशल डेटिंग ऐप बंबल के जरिये हुयी इसके बाद आफ़ताब और श्रद्धा दोनों मुंबई के एक कॉल सेंटर में जॉब करने लगे यही से कुछ समय बाद दोनों के बीच प्यार हुआ जिसके बाद दोनों ने फैसला लिया की दोनों एक दूसरे के साथ लिव इन रिलेशन शिप में रहना है जब श्रद्धा के घर में यह बात पता चली तो घरवालों ने इसका विरोध किया इस पर श्रद्धा ने अपने पिता से यह बोलकर घर छोड़ दिया की वो अब २५ वर्ष की है और अपना भला बुरा समझती है
घर वालो से अलग होकर श्रद्धा और आफ़ताब कुछ दिन लिव इन रिलेशन शिप में मुंबई में रहने लगे कुछ टाइम और बिता दोनों घूमने के लिए हिमांचल गए वहाँ आफ़ताब के कुछ दोस्त से आफ़ताब की मुलाकात हुयी जो दिल्ली में रहते थे इसलिए हिमाचल से वापस आकर दोनों मुंबई की जॉब को छोड़ कर दिल्ली आ गए दिल्ली में पहले वो होटल में रहे फिर आफ़ताब के दोस्त ने उन दोनों को एक रूम किराये पर दिला दिया कुछ दिन वहाँ रहने के बाद मई में दोनों मियामी दिल्ली जो की कुतुबमीनार के पास है वहाँ पर एक फ्लैट ले लिया
श्रद्धा अब आफ़ताब से शादी के लिए दबाव बनाने लगी जिसको लेकर दोनों में अक्सर झगड़ा होने लगा था तो श्रद्धा अपने घर वापस जाने लगी तो आफ़ताब उसे अपनी बातो में फसा कर मना लेता इसके साथ ही अब आफ़ताब श्रद्धा की मौजूदगी में दूसरी लड़कियों से भी डेट करने लगा था श्रद्धा और आफ़ताब दोनों के बीच झगड़ा काफी बढ़ गया तो उसने यह बात अपने दोस्तों को बताई की उसे लगता है की आफ़ताब किसी दिन उसे मार डालेगा
आफ़ताब का बयान
एक दिन शाम को दोनों के बीच काफी झगड़ा हुआ बातो बातो में श्रद्धा ने आफ़ताब को औरआफ़ताब ने श्रद्धा को धक्का दिया जिससे वो गिर गयी उसके बाद वो और के सीने के ऊपर चढ़ गया और अपने दोनों हाथो से उसका गला दबाने लगा वो अपने आपको छुड़ाने की काफी कोशिश कर रही थी लेकिन छुड़ा नहीं पायी कुछ देर बाद श्रद्धा की बॉडी ने रिस्पांस करना बंद कर दिया उसे लगा श्रद्धा बेहोश हो गयी है तो उसने उसकी साँसे चेक की तो पता चला की वो मर चुकी है पर यह जो कुछ भी हुआ उसमे कोई प्लान नहीं था एक दम से हुआ जिसका आफताब को जरा सा भी अफ़सोस नहीं था
कुछ देर बाद उसने श्रद्धा की बॉडी को बाथरूम में लेकर गया क्यूंकि उसे पता था मरने के बाद बहुत जल्द बॉडी डी कम्पोज़ होने लग जाएगी जिससे आस पास बदबू फ़ैल जाएगी इसलिए उस रात श्रद्धा को मारने के बाद और बॉडी को बाथरूम में रखने के बाद उसने बहार से खाना आर्डर किया उसे खाया और सो गया अगले दिन सुबह यानी 19 मई को उसने नहाया नहीं क्यूंकि बाथरूम में श्रद्धा की डेड बॉडी थी उसने श्रद्धा के बॉडी की नाप ली और उसके बाद वो पास ही की एक इलेक्ट्रॉनिक शॉप में फ्रीज़ खरीदने चला गया उसने शॉप में पूछा की फ्रीज़ कब तक आ जायेगा उसी टाइम के हिसाब से वो दूसरी अलग अलग शॉप में गया जहाँ से उसने ब्लैक डस्टबिन पॉलीथिन , एक आरी खरीदी तब घर पर पंहुचा तब तक फ्रीज़ भी शॉप से आ गया था उसने इंस्टालेशन वाले को घर में नहीं आने दिया फ्रीज़ गेट पर ही उतरा कर रिक्शावाले को पैसे और टिप देकर भेज दिया
उसके बाद उसने फ्रीज़ खुद से ही घर के अंदर रख कर उसे अनबॉक्स कर के उसे स्टार्ट कर के उसकी टेस्टिंग के लिए पहले उसमे कुछ पानी की बॉटल और दूध रखा जब शाम हुई तो उसने श्रद्धा की बॉडी के कुछ टुकड़े किये पर वो थक गया और उसके बाद उसने जो टुकड़े किये थे उसको एक ब्लैक पॉलीथिन में रख कर फ्रीज़ के उस कम्पाउंड में रख दिया जिसमे बर्फ जमती है और बाकी बची बॉडी को उसने जहाँ सब्जिया और फल रखे जाते है उस ट्रे को निकाल कर और बाकी सभी ट्रे को निकाल कर उसमे रख दिया और हाई कूलिंग पर फ्रीज़ को सेट कर दिया
उसके बाद उसने बाथरूम को क्लीन कर खाना मगवाकर और उसे खा कर सो गया आफ़ताब को यह पता था की श्रद्धा अपने घर वालो से झगड़ा कर के आयी है इसलिए उसके घर वाले तो वहां आएंगे नहीं , बाकी आफ़ताब के घर वालो को भी पता है की वो ठीक है इसलिए आफ़ताब के घर वाले भी नहीं आएंगे और बचे उनके दोस्त तो वो जब भी आते है तो कॉल कर के या बता कर के इसलिए उनके आने का भी कोई सवाल नहीं थी अब बचे वो लोग जो आफ़ताब के घर के आसपास रहते है तो वो बहुत जल्द ही नयी जगह में शिफ्ट में हुए थे इसलिए दोनों को अभी कोई जानता भी नहीं था इसलिए उनसे कोई मतलब भी नहीं बाकी बॉडी की बदबू को ख़त्म करने के लिए उसने कुछ अगरबत्ती के और कुछ रूम फ्रेशनर की बॉटल भी मार्किट से खरीद ली थी कुल मिलाकर सब ठीक और सावधानी से वो कर रहा था