Home हमारे लेखकनितिन त्रिपाठी समाजवादी पार्टी और टोल प्लाज़ा का टोल टैक्स

समाजवादी पार्टी और टोल प्लाज़ा का टोल टैक्स

by Nitin Tripathi
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समाजवादी पार्टी की सरकार रहते हुवे मैंने कभी टोल प्लाज़ा पर टोल नहीं दिया. सीधी सी बात है, जब सत्ता पक्ष नहीं देता तो हम तो बिपक्ष थे हम क्यों दें. कहीं भी जाना हो विशेष सुरक्षा का ख़तरा न था. स्वयं के पास ही ठीक ठाक हथियार थे, कल्चर भी था बंदूक़ दिखाने का तो वह दिखाते भी थे. गाड़ी में हूटर लगवा रखा था. एक हाकी भी रहती थी जिसका यदा कदा प्रयोग ड्राइवर कर भी लेता था रोड जाम खुलवाने में. सत्ता पक्ष में जो मित्र थे उन्होंने आश्वासन दे रखा था, माल खर्च कर पुलिस सुरक्षा भी मिल जाती.
पुलिस प्रशाशन में आम जनता की कोई सुनवाई न थी. हम भाजपा के ज़िला उपाध्यक्ष थे, LIU से एक अफ़सर रैंक और एक दारोग़ा रैंक कांटैक्ट में रहते थे कि कोई काम हो अपना हो जाएगा. ज़िलाधिकारी के एक स्टेनो ने नम्बर दे रखा था प्रशाशन के काम वहाँ से हो जाते थे. संक्षेप में यह कि यदि आप सक्षम थे, लाठी रखते थे तो सपा सरकार में जम कर लाठी बजा मौज कर सकते थे.
भाजपा सरकार आते ही मैंने कभी टोल टैक्स पे किए बिना गाड़ी न निकाली. पुलिस कांस्टेबल तक से सदैव सर कह कर बात की. हूटर तो मंत्रियों को अलाउ नहीं था मेरी बात ही क्या. सब कुछ सेफ़ इतना कि हथियारों में जंग लगने लगी. आज तो उन्नाव में dm कौन है नाम तक नहीं मालूम. अब तो rto लाइसेंस सिफ़ारिश के फ़ोन भी बंद हो गए. वजह यह कि यह सरकार रही आम आदमी की. वो सुविधाएँ जो UP में नेता / VIP उठाते थे वह जन जन तक पहुँची. जिलाधिकारी के पास जुगाड़ लगाने की ज़रूरत ही नहीं, मुख्य मंत्री के ऐप पर शिकायत कर दो, गारंटी के साथ कार्यवाही होती. कोई vip न रहा. राशन हो या शिक्षा किसी में भी मिड लेवेल / ज़िला लेवेल के नेताओं का खाने / इंटेरफ़ेयर करने का कोई स्कोप न रहा. सम्मान निधि हो या राशन सब सीधे पहुँचे पंक्ति के अंत में खड़े व्यक्ति के पास.
आज जब कुछ जातिवादी सपाई नेताओं की वाल पर कुछ नान यादव पिछड़े लोगों के कॉमेंट पढ़ता हूँ तो हंसी आती है. सपा सरकार आएगी, हमें समस्या न होगी, उल्टे व्यक्तिगत फ़ायदा होगा. वह आठ खाएँगे तो शोर शराबा कर हम चाहेंगे तो दो अपनों को भी लगवा देंगे. हाँ ये जो आप को घर बैठे दादागिरी मिली है कि एक ऐप पर शिकायत से बड़े से बड़े माफिया पर कार्यवाही होती है, राशन वाक़ई मिल रहा है, पैसा सीधे बैंक पहुँच रहा है, वही बंद होगा. ये जो सज धज कर दहेजू बाइक पर वाइफ़ के साथ शाम को निकलते हो वही बंद होगा.
बाक़ी जनता से बात कर मुझे नहीं लगता कि 90% जनता इतनी बेवक़ूफ़ हो. उसे खूब समझ है, वह अच्छे से समझ रही है अपनी प्राथमिकता और अच्छे से समझ रही है जाति के नाम पर अपने रिश्तेदारों / चमचों का पेट भरने वाले नेताओं को.

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