Home अमित सिंघल सिविल सर्विस दिवस पर प्रधानमंत्री जी के विचार – भाग 1

सिविल सर्विस दिवस पर प्रधानमंत्री जी के विचार – भाग 1

by अमित सिंघल
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सितार वादक और टाईपिस्ट के मध्य का अंतर !
सिविल सर्विस दिवस पर प्रधानमंत्री जी के विचार – भाग 1
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सिविल सर्विस दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूछा कि सितार वादक और एक टाईपिस्ट दोनों के मध्य क्या अंतर होता है?
एक कम्प्यूटर ऑपरेटर उंगलियों से खेल करता है लेकिन 45-50 की उम्र पर पहुंचते हुए कभी मिलोगे तो बड़ी मुश्किल से ऊपर देखता है। एक दो बार में तो वो सुनता भी नहीं है। आधी मरी हुई जिंदगी जी रहा है वो, जिंदगी बोझ बन गई है, करता तो उंगली का ही काम है।
दूसरी तरफ एक सितार वादक भी उंगली का खेल करता है, लेकिन उसको 80 साल की उम्र में मिलिए चेहरे पर चेतना नजर आती है। जिंदगी भरी हुई नजर आती है, सपनों से जीने वाला इंसान नजर आता है।
उंगली के ये खेल दोनों ने गुजारें हैं, लेकिन एक चलते-चलते मरता चला जाता है, दूसरा चलते-चलते जीता चला जाता है।
जब जिंदगी को भीतर से जीने का संकल्प हमारा होता है, तब जाकर के जिंदगी बदली जाती है।
इसलिए देश के हर कोने में जो सरकारी कर्मी हैं, उनके जीवन में चेतना होनी चाहिए, कुछ कर गुजरने का संकल्प होना चाहिए तभी तो जिंदगी जीने का आनंद आता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कभी लोग मुझे पूछते है कि आप थकते नहीं हो? शायद यही कारण है कि जो मुझे थकने नहीं देता है। मैं पल-पल को जीना चाहता हूं। पल-पल को जीकर के औरों के जीने के लिए जीना चाहता हूं।
जारी रहेगा….

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