मध्य प्रदेश के रीवा जिले में होने वाला सुंदरजा आम अपनी महक से देशी विदेशी लोगों को दीवाना बना रहा है। बिना रेशों वाला यह आम कई विशेषताओं से भरा है।
सुंदरजा आम अब देश के अलावा विदेशों में भी लोगों को अपना दीवाना बना रहा है। गोविंदगढ़ के बगीचों से निकलकर ये आम विदेशी जमीं पर अपनी महक बिखेर रहा है। इस आम की मिठास का कोई तोड़ नहीं है यही वजह है कि लोग इसे खाने के लिए बेताब रहते हैं। इस आम की खासियत ये है कि यह बिना रेशों वाला होता है और इसे शुगर के मरीज भी खा सकते हैं।
पहले सुंदरजा आम केवल गोविंदगढ़ किले के बगीचों में होता था, लेकिन अब गोविंदगढ़ इलाके के साथ ही रीवा के कुठुलिया फल अनुसंधान केंद्र में भी बहुतायत मात्रा में इसकी खेती की जाती है। हालांकि गोविंदगढ़ के बागों में होने वाला सुंदरजा आम हल्का सफेद रंग लिए होता है, जबकि रीवा के कुठुलिया फल अनुसंधान केंद्र में हल्का हरा होता है।
गोविंदगढ़ किले में होने वाला सुंदरजा आम रियासत काल में राजे-राजवाड़ों की पसंद हुआ करता था, लेकिन आज इसकी मिठास ने विदेशी सरजमीं पर बसे लोगों के अपना दीवाना बना दिया है। दिल्ली, मुंबई, छत्तीसगढ़, गुजरात सहित कई राज्यों के लोग इसे एडवांस आर्डर देकर मंगवाते हैं। इतना ही नहीं विदेशों में भी सुंदरजा मेंगों को खूब पसंद किया जाता है, खासतौर से फ्रांस, इंग्लैंड अमेरिका, अरब देशों में इसकी काफी डिमांड है।