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PFI पर रेड

by Praarabdh Desk
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1. PFI संगठन सन 2006 में बना जिसके सारे सदस्य उन मुस्लिम संगठनों से आए जो संगठन भारत सरकार ने बैन कर दिए थे जैसे सिमी। अब देखो इनकी फंडिंग कैसी होती हे जिसका पता सरकार को है परंतु सरकार कुछ नही कर सकती क्युकी सब नियमानुसार चल रहा हे।

2. PFI के भारत में कुल सदस्यों की संख्या तो मुझे नही पता (शायद 50 लाख के करीब हे) परंतु इनके 2 लाख सदस्यों के 2 लाख सेविंग अकाउंट भारत की बैंक में हे।

3. भारत सरकार के नियम के अनुसार आपके परिजन, रिश्तेदार, मित्र कोई भी यदि विदेश में है तो वो हर महीने अधिकतम दस हजार डॉलर (करीब 8 लाख रुपए) भारत भेज सकते है।

4. अपन ये माने की इन दो लाख खातों में हर महीने सिर्फ 500 डॉलर (40 हजार रुपए)इनके परिजन भेजते होंगे, मतलब करीब 800 करोड़ रुपए हर महीने इन दो लाख सेविंग अकाउंट में आते हे।

5. इसका 85% PFI को जाता हे मतलब 680 करोड़ रुपए हर महीने। बाकी बचा 15% ये सेविंग खाते वाले का इनाम है।

6. यदि एक महीने में 680 करोड़ तो साल भर में 8160 करोड़,ओर ये PFI सन 2006 से भारत में हे मतलब करीब 16 सालों से, मतलब 16 साल में इनके पास 1,30,560 करोड़ रुपए की कम से कम विदेशो से फंडिंग हुई हे।ओर ये में प्रतिमाह सबसे कम आकड़े को लेकर बता रही हूं।

अब आप सोचो की यदि हर महीने 500 डॉलर की जगह 2000 डॉलर वो भेजते होंगे तो कितना धन आता होगा ओर सरकार कैसे किसी को जेल में डाल पाएगी।

7. अब समझे CAA, NRC, हिजाब मामला, किसान आंदोलन, कश्मीर में पत्थर बाजी, पूरे भारत में हमेशा कही ना कही हिंदू मुस्लिम के दंगे, सर तन से जुदा पर करोड़ों के इनाम , इन सब कामों के पैसे कैसे आते है। इसीलिए ये कहते है की सन 2047 तक हम भारत को इस्लामी देश बना देंगे।

8. सिर्फ बिहार में PFI के 15000 से ज्यादा ट्रेंड लड़ाके है जिन्हे गृह युद्ध के लिए तैयार किया हुआ है।

9. PFI का बड़ा लड़का SDPI (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) ये PFI का राजनैतिक विंग है जो चुनाव लड़ता है ताकि PFI को पूरा राजनैतिक प्रश्रय मिले ओर सीधे लोकसभा ओर विधानसभा में हंगामा मचाकर PFI की सुरक्षा की जा सके। इसी SDPI ने अमित शाह ओर अजीत डोवल को सीधे धमकी दी हे की यदि 24 घंटे में PFI के नेताओ को नहीं छोड़ा तो जो होगा उसकी जिम्मेदार सरकार होगी।

SDPI के कार्यकर्ताओं पर ही केरल में हिंदुओ की हत्या ओर हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन के अनेक आरोप लगे हुए हे।

10. PFI का छोटा लड़का CFI (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) ये पूरे देश में कॉलेज के मुस्लिम लड़को लड़कियों को जिहाद के लिए तैयार करने का कार्य करते हे क्युकी कॉलेज के बच्चे मानसिक रूप से जिहाद के लिए जल्दी तैयार हो जाते हे । इनको बाबरी मस्जिद की जमीन वापस लाने का टास्क दिया गया हे, इनकी वेबसाइट पर इन्होंने इसी बात का पोस्टर भी खुल्लम खुल्ला लगा रखा हे।

11. PFI की लड़की NWF (नेशनल विमेंस फ्रंट) जो महिला जिहादियों का विंग हे, कहते है की ये सबसे ज्यादा खतरनाक है, ये कोई भी टास्क करने में हिचकती नही हे।कट्टर इस्लाम का फन कुचलने के लिए पीएफआई पर की गई इतनी बड़ी कार्रवाई करने के लिए सरकार और सिस्टम ने कितनी बेहतर योजना और कितनी मेहनत से काम किया-जरा जानिए.. ऐसे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए कितनी मेहनत लगती है कितना पूर्वाभ्यास करना होता है ये भी जाने एक साथ पीएफआई के लगभग 500 ठिकानों पर रेड मारना पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक जैसा ही मुश्किल काम था परंतु राष्ट्रवादी सरकार और एजेंसियों की मेहनत ने यह कर डाला। अमित शाह व अजित डोभाल जी ने दिल्ली कंट्रोल रूम से रातों जाकर इस ऑपरेशन की पूरी मॉनिटरिंग भी की।

हम आप खाने कमाने में बिजी रहते हैं परंतु देश की सुरक्षा में लगी एजेंसियां 24 घंटे देश में पनप रहे खतरों को समझने और उनके नेटवर्क को खत्म करने में लगी रहती हैं। पिछले 4-5 महीनों से पीएफआई नेता एनआईए और अन्य गुप्त एजेंसियों की निगरानी में थे। केरल पीएफआई का सबसे बड़ा गढ़ है इसलिए वहां पर विशेष ध्यान दिया गया। एनआईए अधिकारियों को पहले से ही पता था कि केरल में पीएफआई द्वारा आतंकवादी गतिविधियां फल-फूल रही हैं और इसीलिए केरल पर जोर देते हुए एनआईए व अन्य एजेंसियों के 200 अधिकारियों को यहां भेजा गया।

ये सब पिछले रविवार को केरल के कई हिस्सों में पहुंचे। उन्होंने पीएफआई नेताओं के घर और कार्यालय क्षेत्र के 1 किमी के दायरे में कमरे किराए पर लिए। कोई नहीं जानता था कि वे क्यों आए थे और उनके इरादे क्या थे। वहां से वे पीएफआई नेताओं के घरों और दफ्तरों के रास्तों पर नजर रखते हैं, नक्शे तैयार करते हैं और दिल्ली भेजते हैं।
वहां से अनुमति मिलने के बाद एनआईए, ईडी और अन्य गुप्त एजेंसियों के लगभग 200 उच्च कुशल अधिकारी केरल के कई हिस्सों में पहुंच जाते हैं और केरल के शीर्ष पुलिस अधिकारी भी यह नहीं जानते हैं। रांची से सीआरपीएफ के 10 बटालियन (750 जवान) के गार्ड 200 अधिकारियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सभी तरह के अत्याधुनिक हथियारों के साथ कोच्चि पहुंचे. वहां से वे कई समूहों में बंट गए और केरल के विभिन्न हिस्सों में पहुंच गए लेकिन तब तक वे नहीं जानते कि वे क्यों आए हैं।

200 अधिकारी टीमों में बंटे, 3 दिन तक लगातार मॉनिटरिंग में लगे रहे। वे यात्रा करने के लिए टैक्सियों का उपयोग करते हैं और कैब चालक को अपना सेल फोन बंद करने के लिए कहा जाता। 3 दिन की सर्विलांस खत्म होने पर दिल्ली से जानकारी दी गयी कि ये ऑपरेशन ऑक्टोपस है. उसके बाद केरल पुलिस के उच्च अधिकारियों को सूचित किया जाता है।

दूसरी ओर, गिरफ्तार पीएफआई नेताओं को दिल्ली पहुंचाने के लिए सीमा सुरक्षा बल का विशेष विमान कोच्चि एयरपोर्ट पर तैयार रखा गया. दिल्ली से रात 2 बजे ऑपरेशन शुरू करने का आदेश आता है।

रात के 3:30 बजे ये सभी 200 अधिकारी अपने ठिकानों से पास के पीएफआई नेताओं के घर और दफ्तर जाते हैं और सर्च वारंट दिखाकर तलाशी शुरू करते हैं. सुरक्षा कारणों के चलते सीआरपीएफ और लोकल पुलिस को साथ में लगाया जाता है

छापे के 4 घंटे के भीतर, विभिन्न क्षेत्रों से गिरफ्तार पीएफआई नेताओं को कोच्चि हवाई अड्डे पर लाया गया और तैयार उड़ान में दिल्ली लाया गया। भोर तक पीएफआई नेता दिल्ली में थे, इससे पहले कि केरल सरकार कोई हस्तक्षेप कर पाती।
एजेंसी ऐसे ही जाकर किसी को उठाकर नहीं ले आती, पहले पूरा होमवर्क करती है। भले ही आतंकी इस्लामिक संगठनों के लिए विपक्षी पार्टियों की छाती में दूध उतर आया हो और वे मोदी सरकार पर झूठे आरोप लगा रहे हो परंतु आपको सत्य समझना चाहिए।

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