पीएफआई पर प्रतिबंध को सपोर्ट करने के कारण मुझसे कई लोगो ने किये सवाल
Shahid Raza का सवाल:
कभी ऐसा ही पोस्ट Rss, बजरंग दल वालो के लिए किया है
मेरा जवाब:
उनकी चिंता करने की आपको जरूरत नहीं, हिन्दू समाज एक बहुत ही जागरूक और प्रगतिशील समाज है वो अपनी कुरीतियों पर ढंग से काम करता है हिन्दू साम्प्रदायिकता पर जितना काम उनलोगो किया है शायद ही किसी अन्य समाज ने किया होगा। इसकी तुलना में आपका मुस्लिम समाज गड्ढे में पड़े पानी की तरह सड़ गया है। आप हिन्दू समाज का किसी भी मामले में मुकाबला नहीं कर सकते। उसका दलित राष्ट्रपति बनता है और आपका दलित आज तक किसी मदरसा के दरबान तक नहीं बन पाया है आज तक। पिछले 100 सालो में हिन्दू समाज ने जो प्रगति किया है दुनिया का कोई समाज उसका मुकाबला नहीं कर सकता है। हिन्दू समाज में समाज सुधारक का सम्मान होता है इसके उल्टा आपके मुस्लिम समाज में एक तो समाज सुधारक पैदा नहीं होते और होते भी हैं तो उन्हें विलेन समझा जाता है और मुस्लिम समाज में पैदा होने वाला गुंडा, माफिया भ्रष्टाचारी, सामंती हीरो समझे जाते हैं। याद रखे आसमान पर थूकने से आसमान का कुछ नहीं होता थूक आपके मुंह पर ही गिरता हैं।
Ranjan R D जी का सवाल:
बहुत बढ़िया लेख
लेकिन आरएसएस पर भी बैन लगना चाहिए
मेरा जवाब:
अगर ऐसा है तो फिर एमआईएम, जमाते इस्लामी, तबलीगी जमात, दावते इस्लामी, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारतें शरिया,जमीयतुल उलेमा,मुस्लिम वन मूवमेंट,वेलफेयर पार्टी आदि कट्टरपंथी और सांप्रदायिक संगठन भी बैन होने चाहिए।
नहीं!
है हिम्मत यह बोलने की, आपका समाज बहुत सुंदर समाज है इसलिए आप बड़ी आसानी से कह लेते हैं कि आरएसएस पर भी बैन लगना चाहिए। लेकिन मुस्लिम समाज में किसी की हिम्मत है जो मेरी तरह कह दे कि जितने मुस्लिम सांप्रदायिक संगठन है सब बंद होने चाहिए?