कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी उस वक़्त नगर विकास मंत्री और जल निगम के अध्यक्ष के रूप में मोहम्मद आज़म खान पद पर कार्यरत थे अपने उस वक़्त के कार्यकाल में आज़म खान ने जल निगम में अध्यक्ष पद पर रहते हुए कई निर्माण कार्य करवाए और उन कार्यो के पीछे कई घोटालो को अंजाम दिया कई काम पूरे किये तो लेकिन उन कार्यो के लिए जो पैसा मिला था उनका गबन किया और कार्य पूर्ण होने पर उनका भुगतान नहीं किया यहाँ तक की जल निगम में रिक्त पद पर नियुक्ति भी तब कराई जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था
जो की मान्य नहीं थी सरकार बदली और भाजपा की सरकार आयी उसने इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया और जांच कमिटी बैठा दी इसके साथ ही जो व्यक्ति उस समय पर सेवा निवृत्त हुए थे और बाकी सभी सेवा निवृत्त कर्मियों की पेंशन पर भी रोक लगा दी ये बोल कर की किये गए निर्माण कार्य का भुगतान न किये जाने की वजह से जब तक जांच चलेगी तब तक उन व्यक्तियों को कोई भी पेंशन नहीं दी जाएगी योगी सरकार ने जल निगम को कई बार तोड़ कर उसके विभाग को अन्य विभागों में मिलाने की भी भरपूर कोशिश की लेकिन वो इस योजना में सफल न हो पाए
अब सरकार उन सेवा निवृत्त कर्मियों को जवाब नहीं दे रही है की रिटायरमेंट के बाद किसी भी व्यक्ति की जीविका उसकी पेंशन पर निर्भर करती है लेकिन अगर सरकार उन लोगो की पेंशन भी खा जाएगी और नहीं देगी तो वो व्यक्ति कैसे अपना जीवन यापन करेंगे कल हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली था लेकिन कई ऐसे घर भी रहे जहा ठीक से खाना मिल गया हो तो वो ही बड़ी बात है सरकार जहाँ मंदिर बनाने के नाम पर अरबो रुपये पानी की तरह बहा रही है वही यह लोग रिटायरमेंट के बाद दो वक़्त की रोटी भी बड़ी ही मुश्किलों से जुटा पा रहे है
अब योगी जी या मोदी जी से सवाल बस इतना है की घोटाला किसी मंत्री ने किया पर उसकी सजा रिटायरमेंट पा चुके कर्मी क्यों पा रहे है हां हो सकता है की कुछ कर्मी जो रिटायर हो चुके है इस अपराध में दोषी हो लेकिन कुछ लोगो के खातिर सभी रिटायर कर्मियों को क्यों दी जा रही है यह वर्त्तमान समय की सरकार का उन कर्मियों पर जयादती हो रही है
इतनी ज्यादती झेल रहे जल निगम से सेवा निवृत हुए कर्मी जब हाई कोर्ट के पास गए तो कोर्ट ने सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी भी किया लेकिन फिर भी आज एक साल से ऊपर होने को है और सरकार के पास बस इतना जवाब है की पैसा देने के लिए फंड नहीं है मंदिर का निर्माण , रैलिया , और इवेंट ओर्गनइजे करने के लिए सरकार के पास पैसा है लेकिन उन कर्मियों को देने के नाम पर सरकार के पास फंड नहीं होता सरकार कोर्ट के नियम को दर किनार कर दिया है और अपनी मनमानी पर आतुर है
जहाँ एक ओर प्रधानमंत्री ने 10 लाख युवाओ को रोजगार देने की बात कही है और उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लगभग 1 लाख से ज्यादा नयी नियुक्तियां करने की बात कही है वही इस सरकार पर यह कहावत जरूर लागू होती है की घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने जो रिटायर हो गए है उनको तो देने के लिए सरकार के पास फंड नहीं है नयी नियुक्ति कर के कही आज़म खा वाली नीति तो नहीं अपनाने जा रही वर्तमान सरकार
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