एक समय था इंटरनेट ब्राउज़र फ़ील्ड में माइक्रोसॉफ़्ट इंटरनेट एक्स्प्लोरर की मोनोपोली थी. इतनी तगड़ी मोनोपोली कि इंटरनेट मतलब इंटरनेट एक्स्प्लोरर. पर्यायवाची थे. अब सोचते हैं तो लगता है कि कितना घटिया ब्राउज़र था, पर उस समय सौ प्रतिशत लोग उसे ही यूज करते थे. माइक्रोसॉफ़्ट से कोई कंपनी टक्कर लेने का सोंच भी न पाती.
फिर एक नॉट डोर प्रॉफिट ऑर्गेनाइज़ेशन आई मोज़िला फ़ोंडेशन. टेक्नोलॉजी फ़ील्ड के बड़े बड़े लोगों ने मिलियंस खर्च किया और मोज़िला ने ओपन सोर्स ब्राउज़र बनाया. फिर जब एक लेवल पर आ गये तो मोज़िला फ़ॉण्डेशन ने एक फॉर प्रॉफिट कंपनी बना ली मोज़िला कारपोरेशन. ऑब्वियस्ली जिसने पैसा खर्च किया है समय के साथ रिटर्न लेगा ही. गूगल ने मोज़िला में खूब पैसा लगाया था. समय के साथ गूगल ने मोज़िला का सोर्स कोड प्रयोग कर अपना ब्राउज़र बनाया गूगल क्रोम.
आज की तारीख़ में गूगल क्रोम सबसे पॉपुलर ब्राउज़र है इंटरनेट एक्स्प्लोरर कोई जानता भी नहीं. यह बस दस बारह साल में हो गया.
इनोवेशन ऐसे ही होता है. कोई प्रोडक्ट मार्केट में ऐसा छाया है कि असंभव है उसे हराना तो उससे बेहतर प्रोडक्ट इसी तरह से बनता है. भारत में रहते यह कॉन्सेप्ट समझना और इसकी प्रसंशा करना थोड़ा मुस्किल होता है.
2015 में इलान मस्क समेत दुनिया के ढेरों who इस who एक प्लेटफ़ार्म पर आये और उन्होंने AI फ़ील्ड में रिसर्च के लिये OpenAI नोट प्रॉफिट कंपनी बनाई. यह कंपनी जो रिसर्च करेगी वह प्रॉफिट के लिये नहीं है कोई भी प्रयोग कर सकता है. फिर 2019 में माइक्रोसॉफ़्ट ने एक बिलियन डालर और लगाये इस कंपनी पर. अब इस कंपनी को फॉर प्रॉफिट कार दिया. दुनिया के बेस्ट माइंड लगे हैं. दुनिया की बेस्ट कंपनियों की बैकिंग है. हज़ारों करोड़ बैंक में है, जितना मन है खर्च करो बस प्रोडक्ट एकदम नया होना चाहिए. इसी कंपनी ने इमेजिंग फ़ील्ड में Dall E बनाया AI बेस्ड यह Dall E कोई भी इमेज बना सकता है. यही कंपनी जीपीटी लेकर आई जो कोई भी कंटेंट लिख देता है.
अब यही कंपनी Chat GPT लेकर आई है. इस प्रोडक्ट को देख समझ आ रहा है इसके अंतिम इरादे क्या हैं. गूगल सनक गया है, दिख रहा है chat GPT की तरह का ही कोई प्रोडक्ट भविष्य है सर्च इंजन का. कोई बड़ी बात नहीं कि दस साल बाद कोई जाने भी न कि गूगल भी एक सर्च इंजन था.
इनोवेशन का आरंभ बग़ैर प्रॉफिट की सोंचे जितना पैसा चाहिये उतना पैसा खर्च किया जाये से होता है. जितने बेस्ट रिसोर्सेज़ चाहिए वह उपलब्ध हों बग़ैर प्रॉफिट सोंचे. फिर बाद में जब प्रोडक्ट आएगा तो एक का हज़ार बना ही लेंगे, लेकिन आरंभ में फ़ोकस होता है इनोवेशन पर.

Related Articles

Leave a Comment