Home राजनीति ये राजनीती और व्यथा एक बेरोजगार की

ये राजनीती और व्यथा एक बेरोजगार की

Ashish Kumar Anshu

by Ashish Kumar Anshu
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कई सालों से उसे पढ़ रहा था। वह मोदीजी के पक्ष में लगातार लिख रहा था। अचानक उसकी नौकरी चली गई, फिर लगभग सात आठ महीने बेरोजगार रहा। पिछले सप्ताह जब आम आदमी पार्टी से जुड़े आईटी सेल में काम करने के लिए उसे बुलावा आया। उसने फोन करके पूछा कि क्या करना चाहिए?
आठ महीने बेरोजगार रहने के बाद भी जॉब आफर पाकर वह पूछ रहा था कि क्या करना चाहिए? नौकरी करनी चाहिए। रोजगार और उसके विचारधारा से जुड़े पक्ष पर बहस बहुत लंबी है। उस पर कोई अंतिम मत अब तक आ नहीं पाया है। रोटी और रोजगार से बड़ा क्या विचार होगा तो बिना किसी देरी के नौकरी करनी चाहिए। उसके बाद इस पर चर्चा की जा सकती है कि यह कदम सही है या गलत? उसे यही मेरी सलाह थी।
नौकरी के सवाल पर बार बार यह बात सामने आती है कि भाजपा इको सिस्टम को अपने कार्यकर्ताओं की चिंता नहीं है। कांग्रेस हो या फिर आम आदमी पार्टी वह खुलकर अपने कार्यकर्ताओं की मदद करती है। वैसे इस संबंध में कोई आधिकारिक आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं है। कांग्रेस—भाजपा के कार्यकर्ता ही सही आंकड़ा प्रस्तुत कर सकते हैं।
दूसरी घटना आम आदमी पार्टी के एक नेता से जुड़ी है। जिन्हें इस बार पार्टी से टिकट नहीं मिला। वे पार्टी छोड़ना चाहते हैं। उन्हें ना जाने क्यों लगा कि मुझसे सलाह लेनी चाहिए। साफ सुथरी छवि के नेता हैं, ऐसे नेताओं की आम आदमी पार्टी में कमी है। उन्हें यही सलाह दे पाया कि किसी दूसरी पार्टी में जाने पर भी टिकट मिल जाने की कोई गारंटी नहीं है। आपने दस से अधिक साल जिस पार्टी की सेवा की है। वहां आपके काम को पहचाना जाए, इसके लिए काम कीजिए। शेष किसी भी पार्टी में आप हों, दिल्ली वालों को तो एक अच्छे और सच्चे नेता की जरूरत है। जिसकी कमी लंबे समय से दिल्ली महसूस कर रही है। पार्टी बदलने से अच्छा है कि क्षेत्र में जमकर ऐसा काम कीजिए कि आपके काम से आपकी पहचान हो।
तीसरा मामला कन्टेन्ट क्रि​एशन से जुड़ा है। यू ट्यूब पर कन्टेन्ट बनाने वाले एक साथी लंबे समय से मोदीजी के लिए वीडियो बनाते रहे। उनके वीडियो पर किसी ने अधिक ध्यान नहीं दिया। वे एक औसत यू ट्यूबर से अधिक अपनी पहचान नहीं बना पाए। जिस ‘भाजपा इको सिस्टम’ के लिए वे वीडियो बना रहे थे, उस सर्कल में भी उनकी कोई खास पहचान नहीं बनी। उन्होंने एक चैनल पर कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा के पक्ष में कुछ लिख कर सुना दिया। साथी बता रहे ​थे कि उनका वीडियो वायरल करने में कांग्रेस का पूरा इको सिस्टम लग गया।
भाजपा और मोदीजी के लिए लिखकर वे जितने लोगों तक नहीं पहुंचे। भारत जोड़ो यात्रा का एक वीडियो बनाकर वे उससे कई गुणा अधिक लोगों तक पहुंच गए। उस वीडियो के बाद बहुत सारे फोन भी उनके पास आए।
बहरहाल यह पोस्ट किसी के पक्ष या विपक्ष के लिए नहीं है। ये तीन घटनाएं हैं। जो एक सप्ताह के अंदर सामने आई। अब इसका विश्लेषण जैसा चाहे वैसे किया जाए। लिख इसलिए दिया ताकि सनद रहे।

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