Home राजनीति होइहि सोइ जो राम रचि राखा….

होइहि सोइ जो राम रचि राखा….

ओम लवानिया

by ओम लवानिया
191 views

सत्ता में थे तब एफिडेविट देकर राम को काल्पनिक बतला रहे थे। तो वही, विपक्ष में बैठे है और अब सत्ता प्राप्ति के लिए राम नजर आने लगे।
दरअसल, पूर्व विदेश मंत्री ने पिछले साल अपनी किताब में हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठनों से की थी। अब हिंदुओं को रिझाने के लिए राहुल में राम बतला रहे है।
याद है जब राम लला के लिए भाजपा अपने मेनिफेस्टो में राम मंदिर को रखती थी। तब विपक्षी एक स्वर में कहते या पूछते थे।
राम लला हम आएंगे, मंदिर वही बनाएंगे, लेकिन तारीख़ न बतलाएँगे।
ख़ूब जमकर उपहास उड़ाया गया।
कभी कभी भाजपाईयों के पास जबाव न रहता था, बगले झांकने लगते थे। तब विपक्षी कहते थे कि इनके राम चुनाव के समय ही याद आते है।
2014 ने भाजपा को दिल्ली सौंपी और 8 नवंबर 2019 के दिन भाजपाईयों ने ज़ोरों से उद्घोष के साथ कहा, तारीख नोट करो…मंदिर वही बन रहा है।
दरअसल, विपक्षी कतई मज़ाक के मूड में न थे क्योंकि वे इसे अफोर्ड करने की हालत में नहीं थे। इसके पीछे का कारण है 5 अगस्त 2019…तब कई तुर्रम खा, तीस मार खाँ ने कुछ मीडिया बाइट्स दी थी। मोदी का बाप भी 370 नहीं हटा सकता, मोदी सात जन्म ले ले, तभी धारा 370 को छू न सकता…ब्ला ब्ला।
5 अगस्त 2019 में सबको नोटिफिकेशन भेजा कि इसी जन्म में हो रहा है देख लो…नोट कल्लो।
राम मंदिर तो बना हुआ था।
बस राम लला मोदी-योगी के कॉम्बिनेशन का इंतजार कर रहे थे।
राम मंदिर पर बहस में भाजपा मंदिर के लिए अडिग रही। तो वही विपक्ष से यूनिवर्सिटी, अस्पताल, आदि बनाने के प्रस्ताव निकलते थे। 8 नवंबर 2019 व 5 अगस्त 2020 की तारीखों ने विपक्षियों की नानी द्वारा दी गई सीख को साइड रखवा दिया और अयोध्या जी यात्रा के लिए ट्रेन चलवाई। बुजुर्ग दंपतियों को फ्री यात्रा करवाने लगे।
भारतीय राजनीति में जनसंघ व भारतीय जनता पार्टी ने राम को केंद्र में रखा और धीरे धीरे अपने कोर मुद्दे हल करने में जुटी हुई है।
अभी जिन विपक्षियों को राम नजर आने लगे है न, उनसे बिना सत्ता रहा न जाना रहा है। इसलिए तड़प रहे है।
भाजपाई भी सिर्फ़ मोदी-योगी जी के भरोसे बैठे है। किश्ती कभी भी डूब सकती है।

Related Articles

Leave a Comment