कश्मीर में लाखों टन लिथियम खनिज की खदान मिली है. जैसा भविष्य दिख रहा है कि भविष्य की इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ लिथियम बैटरी से चलेंगी, उस लिहाज़ से यह खोज बहुत महत्व पूर्ण है.
एक बात जो सोचने वाली है, विज्ञान पर भरोसा ना रखने वाले लोग दस वर्ष पूर्व तक एक्साइटेड थे कि जल्द ही मिडिल ईस्ट से तेल ख़त्म हो जायेगा, सारी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री बंद. हक़ीक़त में क्या हुआ? विज्ञान ने बेहतर विकल्प ढूँढ लिया. इलेक्ट्रिक व्हीकल में ऊर्जा खपत की क़ीमत कम है, आयल चेंज आदि की कोई समस्या नहीं होती, सॉफ़्टवेयर ऑपरेटेड होती है, बेटर स्पीड, बेटर पिकअप. कल को लिथियम समाप्त होगा उससे पहले ही विज्ञान इससे अच्छा कुछ और ला देगा.
इस धरती का सबसे अनावश्यक प्राणी मनुष्य है. उसका शरीर भी ऐसा बना है कि न जाड़ा सह सकता है न गर्मी. लंबी प्रेगनेंसी होती है और बड़े होने में समय लगता है. इस सबके बावजूद केवल और केवल विज्ञान की मदद से मनुष्य ने अपना जीवन सुगम बनाया. जाड़े में कंबल रज़ाई और अब हीटर तो गर्मी में एसी. हर दिन विज्ञान मनुष्य को नए संसाधन दे रहा है.
जब लगता है अब मुसीबत आई, विज्ञान बचा लेता है. निःसंदेह कई बार मुसीबत विज्ञान से भी आई पर बचाया विज्ञान ने ही. हाल ही में आई महामारी को मनुष्य हरा कर इतने शीघ्र सामान्य जीवन में आ गये ऑल थैंक्स टू विज्ञान. जब तक विज्ञान हर मुसीबत हर ज़रूरत से एक कदम आगे चल रहा है, इस धरती पर मनुष्य रहेंगे और राज्य करेंगे.