अभी हाल ही में टर्की में भूकंप आया. विश्व के सारे देशों ने मदद की. भारत का दुश्मन राष्ट्र है टर्की. फिर भी भारत ने मेडिकल सप्लाइज़ और एनडीआरएफ़ की टीम भेजी. जब आप इस तरह से चौधरी बन मदद करते हैं तो दुनिया को संदेश जाता है कि आप एक ताकतवर राष्ट्र हैं.
पर क्या आपको लगता है कि टर्की अब भारत का मित्र हो जाएगा? ऐसी उम्मीद न भारत ने की न टर्की ने की. मदद तो पाकिस्तान ने भी टर्की की की. पाकिस्तान को भीख में जो फर्स्ट ऐड बॉक्स आये थे उनसे लेबल हटा कर अपना लेबल लगा कर सोन पापड़ी की तरह डिब्बा आगे बढ़ा दिया. ऐसे मौक़ों पर पूरा विश्व मदद करता है और यह मदद सिम्बोलिक होती है.
टर्की विकसित राष्ट्र की श्रेणी में आता है. पर कैपिटा इनकम काफ़ी हाई है. शानदार इंफ़्रा स्ट्रक्चर है. यद्यपि अब जिहाद बढ़ रहा है वहाँ तो कितने दिन रहता है ऊपर वाला जाने पर फ़िलहाल में वह इतने गये गुजरे नहीं हैं कि खाने को तरस रहे हों. प्राकृतिक विपदाएँ आती हैं पूरा विश्व मदद करता है पर वह मदद बस 1% ही होती है 99% तो ख़ुद देखना होता है.
अभी हाल ही में टर्की ने OIC में फिर पाकिस्तान के पक्ष में बोला. बोलना ही था, पर इस बार मोरल डाउन था. भारत ने लताड़ लगाई. विश्व के सभी न्यूट्रल देशों ने भी कहा कि देखो कैसा कमीना देश है मदद करने वाले के ख़िलाफ़ बोल रहा है.
भारत के पक्ष में मिडिल ईस्ट के कई अख़बारों ने एडिटोरियल्स लिखे कि भारत एक सॉफ्ट सुपर पॉवर बन रहा है. वोट तो पहले भी टर्की पाक के पक्ष में देता था अभी भी दे रहा है पर इस बार वैश्विक थू थू के साथ. कुछ समय ऐसा और चला तो पाकिस्तान के पक्ष में खड़े देश मुँह दिखाने वाले न बचेंगे.