Home नया काशी विश्वनाथ में स्पर्श दर्शन के लिए शुल्क देय होगा

काशी विश्वनाथ में स्पर्श दर्शन के लिए शुल्क देय होगा

by Akansha Ojha
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दो खबरें आयी और दोनों ही गलत नही। पहली काशी विश्वनाथ में अब स्पर्श दर्शन के लिए 500-1000.शुल्क देय होगा। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा यह निर्णय लिया और पारित हुआ
दूसरी खबर इसके खंडन में आयी कि कोई शुल्क देय नही होगा।
अगर मंदिर सरकारी तंत्र के आधीन है तो सरकार न्यास के महानुभावों पर अधिकार क्यों नही रखती है जो बिना सरकारी आदेश के निर्णय सुना भक्तों को विचलित कर देते हैं।
लाखों ऐसे गरीब भक्त हैं जो नित्य बाबा का दर्शन स्पर्श
कर निहाल होते है।
यथा लौहं स्पर्शमणी पतितं कनकम्भवेत् ।
तथा काश्याम्ब्रह्मरूपं प्राप्नुयाच्छिवरूपताम् ॥
जैसे पारसमणि से स्पर्श होने पर लोहा भी सोना बन जाता है। उसी प्रकार काशी में शिवजी के सान्निध्य से जीव मात्र ब्रह्मरूप हो जाता है।
लेकिन क्या सरकार को पता है स्पर्श दर्शन के नाम पर भक्तों से दूगने रुपये वसूले जाते है।
अगर VIP आ जाये तो निरीह जैसे आंखभर देखने का भी भाग्य नही मिल पाता और वहीं VIP गर्भगृह में घंटों आराम से बैठकर अभिषेक करता है। किसकी सह पर होता है यह। और कौन VIP लोगों से धन उगाही करता है इतनी सुलभता से दर्शन करवाने के लिए।
यथा शुक्तौ पयोवाहात् पतिता जलबिन्दवः ।
मुक्ताः स्युस्तथाकाश्यां स्थिताः सर्वेऽपि जन्तवः ॥
(लिङ्गपुराणे)
भगवान् विश्वनाथ जी भवानी जी से कहते हैं कि हे देवि !
काशीवासी सदा मेरे गर्भ में निवास करते हैं। अतः अन्त में मैं उन्हें मुक्त कर देता हूँ। यही हमारी प्रतिज्ञा है।
काशीसमाश्रिता यैश्च यैश्च विश्वेश्वरोऽर्चितः ।
तारकं ज्ञानमासाद्य ते मुक्ताः कर्मपाशतः ॥
(काशीखण्ड, अ० ४२, श्लोक- ५६)
जो व्यक्ति काशीवास करते हैं, और विश्वनाथ भूत-भावन
का दर्शन- अर्चन-पूजनादि करते हैं, वे तारक ज्ञान प्राप्त करके कर्मबन्धन से मुक्त हो जाते हैं।
सर्वेभ्यः काशिसंस्थेभ्यो मोक्ष-भिक्षा प्रयच्छति ।
त्रिपुरारिः पुरद्वारि कदास्यां मोक्ष भिक्षुकः ॥
काशी में निवास करने वालों का मोक्ष भिक्षा देने के लिए भगवान (विश्वनाथ जी) शंकर सदा प्रतीक्षा करते हैं कि हमारे द्वार पर यह मोक्ष-भिक्षुक कब आयेगा, उस मोक्ष की भिक्षा माँगने वाले अतिथि का मैं कब दर्शन करूंगा, हे अन्नपूर्णे! जब तक भिक्षा माँगने वाला अतिथि नहीं आयेगा तब तक मैं भोजन नहीं करूँगा।
भक्त अपने बाबा को भूखा कैसे रहने दें। यहां तर जाने की लालसा लिए हर भक्त बाबा दरबार पहुंचता है। यहां सब बराबर हैं।
या तो सबके लिए एक शुल्क निर्धारित हो या फिर स्पर्श दर्शन के लिए वसूलीकरण पूर्ण रूप से बंद हो। VIP कल्चर को बाबा दरबार में समाप्त किया जाये।

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