यूपी में 1 लाख बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर अब दिखने लगा है. कई जिलों में विद्युत् आपूर्ति पर असर पड़ा है. वहीं कई जगहों से लाइन में जान बूझकर फाल्ट करने की भी सूचना प्राप्त हुई है. जिसके बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हड़ताल के दौरान लाइन में फाल्ट करने वाले कर्मचारियों को जंगल, आसमान या फिर पाताल में भी छुपे हों तो खोज निकालेंगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
राजधानी लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्तमान में कई बिजलीकर्मी हड़ताल कर रहे है. मैं जनता से इस समस्या के दौरान धैर्य और संयम बनाये रखने की अपील करता हूं. गुरुवार रात कई जिलों में कई बिजली कर्मियों ने लाइनों को नुकसान पहुचाने की कोशिश की. ऐसे लोगो को आसमान-पाताल से खोजकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
इस दौरान ऊर्जा मंत्री ने पुलिस के साथ DG विजिलेंस को भी मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए गए. उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ में SLDC को भी ठप कर राष्ट्रीय कार्य मे बाधा डाली गई है. बिजली कार्यों में बाधा डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बिजलीकर्मियों से जुड़े कई संगठन हड़ताल से अलग होकर सरकार का सहयोग कर रहे हैं. हड़ताल से निपटने के लिए मानव बल देने वाले NTPC, बजाज जैसे निजी सरकारी उपक्रमों को धन्यवाद देता हूं.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली कर्मचारी हाजिरी लगाकर हड़ताल न करें. साथ ही उन्होंने कहा कि कार्य पर न आने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी. विद्युत् निगम 93 हजार करोड़ के घाटे में चल रहा है. निगम पर 82 हजार करोड़ का बैंक लोन है. वर्ष 2018-19 से बंद बोनस को इस बार दिया गया है. ये हड़ताल कर्मचारियों के हित में नहीं है. बिजली आपूर्ति-उत्पादन की कोई समस्या नहीं है. कहीं-कहीं तोड़फोड़ से बिजली आपूर्ति में समस्या आ रही है. इस चुनौती के समय में जनता थोड़ा संयम रखे. जनता को हो रही समस्या के जिम्मेदार बिजली संगठनों के नेता है. अबतक की गई कार्रवाई का आंकड़ा भी जल्द मुहैया कराया जाएगा.