Home विषयऐतिहासिक विक्रम संवत 2080
विक्रम संवत!
भारत का प्रथम संवत।
पर बहुत कम लोग जानते हैं कि इस संवत का मूल नाम #मालव_संवत था जिसे पहले ‘कृत संवत’ और फिर ‘विक्रम संवत’ घोषित कर दिया गया।
-जिन ‘मालवों’ के नाम पर इसे ‘मालव संवत’ घोषित किया गया, वे मालव कौन थे?
-इन मालवों का ‘परमार’ राजपूतों और ‘माली’ जाति से क्या संबंध है?
-जिस विक्रमादित्य के नाम पर इस संवत का नाम बदलकर इसे ‘विक्रम संवत’ घोषित किया गया था वे ‘विक्रमादित्य’ कौन थे?
-क्या वह वास्तव में एक सम्राट थे या एक गणराज्य के राष्ट्रपति?
-प्रथम विक्रमादित्य व द्वितीय विक्रमादित्य में से वह विक्रमादित्य कौन थे जिनके नाम पर यह संवत जारी किया गया था और वह विक्रमादित्य कौन थे जिनका साम्राज्य हिंदुकुश की पहाड़ियों तक था और जिनका नाम #रोम तक फैला हुआ था?
-शालिवाहन से किस विक्रमादित्य का क्या संबंध था और सबसे शालिवाहन कौन थे व उनका ‘शक संवत’ से क्या संबंध था।
आर्कियोलॉजीकल प्रमाणों, अभिलेखों व प्राचीन साहित्य के गहन अनुशीलन द्वारा इन प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने की कोशिश की और तब सामने आये कई आश्चर्यजनक तथ्य।
वस्तुतः तथ्य तो सामने ही थे बस हम उन्हें अपनी रूढ़िगत दृष्टि और वामपंथी इतिहासकारों की फैलाई भूलभुलैया के कारण देख नहीं पा रहे थे।
अपनी वर्तमान किशोर पीढ़ी को इन प्रश्नों के तथ्यपूर्ण वैज्ञानिक इतिहास के माध्यम से उत्तर देने का प्रयास मैंने आपकी अपनी पुस्तक ‘अनंसंग हीरोज: #इंदु_से_सिंधु_तक में किया है।
‘चरैवेति-चरैवेति’, ‘गणतंत्री चक्रवर्ती’, ‘त्रिसमुद्राधिपति’ और ‘स्वर्ण युग के सम्राट’ इन चार अध्यायों में ‘विक्रम संवत’ और विक्रमादित्य की वास्तविक महागाथा का रहस्य उद्घाटित किया गया है जिसे हम जानते हुए भी नहीं जानते।
विक्रमादित्य! भारत के ऐसे महानायक जिनके विषय में हम कितना कम जानते थे।
विक्रम संवत 2080 की हार्दिक शुभकामनाएं।

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