Home मधुलिका यादव शची होमी जहाँगीर भाभा और शास्त्री जी

होमी जहाँगीर भाभा और शास्त्री जी

मधुलिका शची

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ताशकंद में हुई शास्त्री जी की मौत पर सवाल उठाने की बहुत बार कोशिश हुई, लेकिन इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. हालांकि, एक बार फिर से लाल बहादुर शास्त्री और भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक रहे डॉ होमी जहांगीर भाभा की मौत चर्चा का विषय बनी हुई है. कहा जा रहा है कि इन दोनों की मौत को लेकर कुछ ऐसे खुलासे सामने आए हैं कि एक बार फिर से इनकी मौत सामान्य नहीं, बल्कि एक साजिश लग रही है लाल बहादुर शास्त्री और होमी भाभा की मौत को लेकर हुए इस नए खुलासे के बारे में चर्चा करने से पहले हम पहुंचेंगे उन जड़ों तक जहां से इन दोनों मौतों के तार जुड़े प्रतीत होते हैं.

1962 में रूस के हाथों मिली हार में कहीं न कहीं भारत ये समझ चुका था कि देश को सुरक्षित रखने के लिए एटॉमिक पावर होना बहुत जरूरी है. चीन से मिली हार के बाद देश संभाला भी नहीं था कि जवाहरलाल के रूप में हमें अपने प्रधानमंत्री को खोना पड़ा. जवाहरलाल नेहरू की मौत के बाद देश को संभालने की जिम्मेदारी लाल बहादुर शास्त्री के कंधों पर आ गई. अहिंसा के पुजारी के तौर पर जाने जाने वाले शास्त्री को एक लंबी बहस के बाद देश को एटॉमिक पावर बनाने की राह पर कदम बढ़ाने ही पड़े.

27 मई 1964 को जवाहर लाल नेहरू का निधन हुआ और अक्टूबर 1964 में चीन ने अपना पहला परमाणु परीक्षण कर दिया. दुश्मन देश के इस कदम के बाद भारत में भी परमाणु बम बनाने की बहस तेज हो गई. जानेमाने परमाणु वैज्ञानिक डॉ होमी जहांगीर भाभा परमाणु बम बनाए जाने का समर्थन करने वालों में सबसे बड़ा नाम थे.

होमी जहांगीर भाभा शास्त्री जी से : शास्त्री जी आप जानते हैं…
जो प्रपोजल आज आपके पास लेकर आया हूँ कभी वही प्रपोजल मैं भाई ( नेहरू जी ) के पास लेकर आया था,
भाई (नेहरू जी) भी आपकी ही की तरह अहिंसावादी थे, आपकी ही तरह शांति के पुजारी थे , मगर वो अपनी जंग (1962) हार गए और उसी हार ने उन्हें जिंदगी की जंग भी हरा दिया। परमाणु प्रोग्राम भारत के लिए उतना ही जरूरी है जितने कि आपके अन्य प्रोग्राम।
ताशकंद में शास्त्री जी अपने जीवन के आखिरी दिन ;
इंदिरा जी फ़ोन लाइन पर शास्त्री जी से : तो समझौता हुआ ..?
शास्त्री जी निराश होकर ; हां, हुआ
इंदु सुनो,
इंदिरा जी ; हाँ सुन रही…
शास्त्री जी ताशकंद समझौते में रूस से मिले धोखे से निराशा में डूबी हुई आवाज़ में बोले ;
इंदु ….! होमी से बात करो और कहो उससे जो उसने युद्ध शुरू किया था उसे पूरा करे। अब सामने से लड़ने का वक़्त आ गया है।
रॉकेट बॉयज वेबसीरिज अपने बच्चों को जरूर दिखाइए ताकि उन्हें पता चला सके कि किन तकलीफों से हमारा देश गुजरा है, आज कैसे हम यहां तक पहुंचे हैं। कैसे हम सदैव साजिशों से ,दुश्मनों से घिरे रहे औऱ आगे कैसे हमारी अगली पीढ़ी भारत को एक नई बड़ी ताकत बनाएगी…

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