Home हमारे लेखकनितिन त्रिपाठी भारत में 44 नई कंपनियाँ unicorn बनी.

भारत में 44 नई कंपनियाँ unicorn बनी.

नितिन त्रिपाठी

by Nitin Tripathi
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Unicorn अर्थात् वह कम्पनी जिनमे निवेशकों के निवेश से उनकी वैल्यू बिलियन डॉलर प्लस हो. भारत में 2021 में 44 नई कंपनियाँ unicorn बनी. 2022 में यह संख्या 23 रह गई. एक्चुअली अंतिम यूनिकॉर्न सितंबर 2022 में थी. उसके पश्चात अब तक पिछले सात महीनों में एक भी कंपनी को निवेश न मिला.
अमेरिकन मार्केट डाउन है. नई टेक्नोलॉजी / इनोवेशन में 70% निवेश अमेरिकन, 20% जापानी और दस प्रतिशत अरब / यूरोप करता है. अमेरिकन मार्केट डाउन तो यह सारा निवेश बंद हो जाता है. पहले वह अपने को देखेंगे, तब आपके देश में इनोवेशन को बढ़ावा देंगे.
समस्या इतनी ही नहीं है. जब डाउनटाइम होता है तो कंपनियाँ बजट घटाती हैं, ले ऑफ करती हैं. खबरों में आप पढ़ रहे होंगे कि अमेरिका में कपनियाँ ले ऑफ़ कर रही हैं – कई मित्र खुश भी होते हैं. जब भी ले ऑफ़ होता है तो अधिकाषतः सबसे पहले वीज़ा वाले कर्मियों पर तलवार गिरती है. फिर बजट कट करने में कांट्रैक्टर्स का बजट कट होता है और आप सबको पता है इन दोनों ही फ़ील्ड में अधिसंख्य भारतीय ही हैं.
यह मंदी अब बहुत तेज़ी से भारतीय टेक सेक्टर में फैल रही है. क्योंकि भारतीय टेक सेक्टर अभी भी ज़्यादातर साइबर कुली का ही कार्य करता है. आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस आ जाने से विशेष कर टेक्निकल कस्टमर सपोर्ट वाली जॉब्स जा रही हैं. इन जॉब्स पर भारत की मोनोपॉली थी. भारत की ज़्यादातर बड़ी कंपनियों ने रिक्रूटमेंट कम कर दिया है.
आने वाला एक दो साल मार्केट में फ़्रेशर्स और कम अनुभव वाले लोगों के लिये बहुत मुश्किल होगा. भारत में वैसे भी फ़्रेशर्श डिग्री ज्यादा रखते हैं, स्किल नहीं. ऊपर से महामारी ने बीच के दो वर्ष और छीन लिये. सावधान रहें, सजग रहें, स्किल पर विशेष ध्यान दें.

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