दरोगा जी जो इन्क्वायरी करने आये थे वो बहुत ही अनुभवी थे, वो ट्रेनिंग में अक्सर बताया करते थे कि जिस तरह से मृत होने के बाद मनुष्य की आत्मा वहां थोड़ी देर के लिए रुककर हंसती है वैसे ही चोर भी जहां चोरी करता है वहां दुबारा जरूर चक्कर लगाता है …….
दरोगा जी बार बार कहते कि समझ में नहीं आता कि आखिर चोर आंगन तक पहुंचा तो पहुँचा कैसे….? क्या यहाँ कोई बुद्धिमान नहीं है जो यह बता सके..!!!
वहां, खड़ा एक व्यक्ति बार बार यह प्रश्न सुनकर थक गया था इसलिये बोल पड़ा….
साहब हम बताएँ ..!
दरोगा जी : अरे हाँ क्यों नहीं
उसके बाद उस व्यक्ति ने दरोगा के बारीक से बारीक सवाल का भी जवाब दे दिया, चोरी करने के तरीके और व्यक्ति के बताने के तरीके 100% मैच कर गए।
उसके बाद दरोगा ने उठायी लाठी और नीम के पेड़ पर बांधकर उस व्यक्ति को दनादन कूटने लगे। बन्दे ने सब उगल दिया….
कहाँ पर गहना छुपाया है ..?
कितने लोग साथ थे ,सारी बात बता दिया।
दारोगा जी बोले : अभी भी कुछ छिपा रहा है ….. बता जल्दी से
इसको और लाठी लगाओ तो,
जैसे ही फिर लाठी पड़ी तब वो चिल्लाकर बोल पड़ा
हुजूर हमारी गलती नहीं है…. छोटकी बहू ने अपने गहने खुद चोरी करवाया है,हम लोगों से चोरी करने को कहा था…माफ कर दो साहब हम लोग छोटकी बहू के बहकावे में आ गए।
यह सुनकर सब दंग रह गए
छोटकी बहू ने अपना गहना खुद क्यों चोरी करवाया
आगे जारी रहेगा….