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यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की

by Praarabdh Desk
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उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव  के परिणाम घोषित हो चुके हैं. बीजेपी (BJP) को यूपी विधानसभा चुनाव  की तरह ही निकाय चुनाव में भी बड़ी कामयाबी मिली है. बीजेपी ने यूपी की सभी मेयर सीट पर जीत हासिल की. इसके अलावा पार्षद, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद सदस्य, नगर पंचायत अध्यक्ष और नगर पंचायत सदस्यों के पदों पर भी विपक्षी पार्टियों को पछाड़ते हुए सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की. इस मौके पर आइये आपको यूपी निकाय चुनाव के 10 बड़े फैक्ट्स बताते हैं.

यूपी निकाय चुनाव के 10 बड़े फैक्ट्स

1. बीजेपी ने पहली बार यूपी की सभी नगर निगम की सीटों पर जीत हासिल की. इससे पहले साल 2017 में नगर निगमों के चुनाव में कुल 16 सीटों में 14 सीटों पर बीजेपी के मेयर निर्वाचित हुए थे, जबकि अलीगढ़ और मेरठ में बसपा के उम्मीदवारों को जीत मिली थी.

2. 17 नगर निगमों में तीन नगर निगम अयोध्‍या,  मथुरा-वृंदावन और शाहजहांपुर नए गठित हुए थे. हालांकि, मथुरा-वृंदावन और अयोध्या में 2017 में भी चुनाव हुए थे, लेकिन शाहजहांपुर में पहली बार चुनाव हुआ.

3. यूपी के 200 नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद में 199 सीटों पर चुनाव हुए. 2017 में बीजेपी ने 60 नगर पालिकाओं में विजय प्राप्त की थी. इस साल बीजेपी को नगर पालिका परिषदों में 88 सीटों पर जीत मिलीं.

4. यूपी नगर निकाय चुनाव में किस्मत आजमा रही आम आदमी पार्टी को भी कामयाबी मिली. नगर निगम पार्षद के 8, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष 3, नगर पालिका परिषद सदस्य 30, नगर पंचायत अध्यक्ष 6 और नगर पंचायत सदस्य 61 सीटों पर जीत दर्ज की.

5. वहीं आम आदमी पार्टी को एक भी मेयर सीट पर कामयाबी नहीं मिली. यही नहीं आप की सभी मेयर सीट पर जमानत जब्त हो गई.

6. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने निकाय चुनाव में नगर निगम पार्षद के 19, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष 3, नगर पालिका परिषद सदस्य 33, नगर पंचायत अध्यक्ष 2 और नगर पंचायत सदस्य 23 सीटों पर जीत दर्ज की.

7. एआईएमआईएम की मेरठ मेयर सीट को छोड़कर बाकी सभी जगहों- अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, अलीगढ़, आगरा, कानपुर नगर, प्रयागराज, गाजियाबाद, झांसी, मुरादाबाद, सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, बरेली, शाहजहांपुर और फिरोजाबाद में जमानत जब्त हुई.

8. अयोध्या की मेयर सीट पर बीजेपी ने अपनी जीत बरकरार रखी. अयोध्या की महापौर सीट अनारक्षित है. दिलचस्प बात यह है कि एआईएमआईएम के उम्मीदवार रेहान ने बीएसपी के राम मूर्ति (12,852) और कांग्रेस की प्रमिला राजपूत (4,084) से ज्‍यादा 15,107 वोट पाकर तीसरा स्थान हासिल किया.

9. चुनाव आयोग के अनुसार नगरीय निकाय चुनाव 17 मेयर, 1420 पार्षद, नगर पालिका परिषदों के 199 अध्यक्ष, नगर पालिका परिषदों के 5327 सदस्य, नगर पंचायतों के 544 अध्यक्ष और नगर पंचायतों के 7178 सदस्यों के निर्वाचन के लिए हुआ था. चुनाव में 17 मेयर और 1,401 पार्षदों के चुनाव के लिए मतदान हुआ था, जबकि 19 पार्षद निर्विरोध चुने गए.

राज्य में नगर पालिका परिषदों के 198 अध्यक्षों और 5,260 सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान हुआ. मतदाताओं ने नगर पंचायतों के 542 अध्यक्षों और नगर पंचायतों के 7,104 सदस्यों के भाग्य का फैसला करने के लिए भी मतदान किया. कुल मिलाकर, 162 जनप्रतिनिधि निर्विरोध चुने गए, जबकि 14,522 पदों के लिए 83,378 उम्मीदवार मैदान में थे. निकाय चुनाव के लिए 4 और 11 मई को वोटिंग हुई थी.

10. रामपुर शहरी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होने के बाद एक शख्स ने 45 साल की उम्र में रातोंरात शादी कर ली. दिल से कांग्रेसी ममनून शाह को उनकी पार्टी ने निकाल दिया था. नामांकन करने की अंतिम तिथि से दो दिन पहले उन्होंने सना खानम से शादी की और आम आदमी पार्टी (आप) से उनके लिए टिकट सुनिश्चित किया. शनिवार को 36 साल की सना खानम ने 43,115 वोट के साथ जीत हासिल की और बीजेपी उम्मीदवार डॉ. मुसर्रत मुजीब को 10,958 वोटों के अंतर से हराया.

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