Home विषयसामाजिक अजब मुसीबत है । भारी धर्मसंकट में फंस गया हूँ ।

अजब मुसीबत है । भारी धर्मसंकट में फंस गया हूँ ।

by Ajit Singh
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अजब मुसीबत है ।
भारी धर्मसंकट में फंस गया हूँ ।
ममता याद है ?
उदयन की ममता ……
वो कभी हमारी Poster Girl हुआ करती थी ।
शेरनी ममता ……
विद्रोही ममता …….
बागी ममता …..
बात बात में लड़ जाने वाली ममता ।
हर गलत बात का विरोध करने वाली ममता ……..
कुछ साल उदयन में पढ़ी ममता ।
फिर इसका बियाह हो गया …… बाल विवाह …..बमुश्किल 13 – 14 साल की रही होगी जब इसकी शादी कर दी गयी ।
इनका समाज ही ऐसा है कि हम कुछ न कर सके ।
यूँ भी इनके समाज की इच्छा / मान्यता के खिलाफ ज़्यादा कुछ करना आग से खेलने जैसा है ।
कब आप SC – ST एक्ट में अंदर चले जायेंगे , कब आप पे POCSO , 376 लगवा देगा कोई नक्सली नेता …… कोई भरोसा नही ……
अब शादी के कुछ साल बाद ममता पति का घर छोड़ वापस अपने मायके चली आई है ।
कहती है कि पति शराब पी के मारता है ।
मायके वाले इसको रखने को तैयार नही ।
ये वापस ससुराल जाने को तैयार नही ।
रोज़ाना सुबह उदयन आ जाती है ।
कल रात चली आई ।
किसी तरह इसके घर से बाप भाई दयाद को बुला के समझा बुझा के वापस भेजा ।
आज अल्ल सुबह 5 बजे फिर चली आई ।
अब बड़ा धर्मसंकट है ।
भाई भाभी और बाप घर रखने को तैयार नही ।
इसकी माँ इसकी शादी से मात्र 4 दिन पहले शादी के लिये रखा रुपया पैसा ले कर पलायित हो गयी थी ।
ससुराल वाले ले जाना चाहते पर ये जाने को तैयार नही ।
कहती है तलाक़ दिलाओ ।
इसके मायके वाले इसको एक मिनट रखने को तैयार नही ।
अब इसको सिर्फ मेरा सहारा है ।
बहुत छुटपन से ही ये जानती समझती है कि जब कोई सहारा न होगा तो एक सहारा है ……. Ajit दद्दा …… करने को तो मैं एक मिनट में कानूनी शासकीय सहायता / हस्तक्षेप से ये मामला हल कर दूंगा ।
पर इनकी Community के खिलाफ जा कर कोई काम करना आग नही petrol से खेलना है ।
एक मिनट में इनका सारा समाज हमारे खिलाफ खड़ा हो जाएगा ।
अब क्या करें ?
ममता का साथ दें तो मुसीबत
न दें , फूल सी बेटी को भाग्य भरोसे छोड़ दें ??????
आमतौर पे ऐसे cases में गांव में पद पंचायत होती है , मामला सुलट जाता है ।
शादी का खर्चा हर्जाना भरपाई कर छूट छुड़इया हो जाता है ।
पर इसके घर वाले बाप भाई community सहयोग करे तब तो ??????
वो सब तो इसे ज़बरदस्ती वापस ससुराल भेजने पे आमादा हैं ।
क्या करें ?????

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