Home अमित सिंघल अंतर्राष्ट्रीय समुदाय विशाल वैश्विक बिखराव में जकड़ा हुआ है

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय विशाल वैश्विक बिखराव में जकड़ा हुआ है

Amit Singhal

by अमित सिंघल
154 views

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय हमारे युग की विशाल एवं जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार या इच्छुक नहीं है। ये संकट मानवता के भविष्य और हमारे ग्रह के भविष्य के लिए संकट हैं।

  • यूक्रेन में युद्ध और दुनिया भर में संघर्षों में भारी वृद्धि का संकट।
  • जलवायु आपातकाल और जैव विविधता के नुकसान जैसे संकट।
  • विकासशील देशों की विकट वित्तीय स्थिति एवं विकास का संकट।

और बीमारी से निपटने, लोगों को जोड़ने और अवसरों (रोजगार) का विस्तार करने के लिए नई तकनीकी के दुष्परिणाम का संकट। जीन संपादित करने की तकनीकी विकसित कर ली गयी है। न्यूरोटेक्नोलॉजी – मानव तंत्रिका तंत्र के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़ने – में प्रगति।

  1. क्रिप्टोकरेंसी और अन्य ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकियां व्यापक हैं।
  2. लेकिन कई नई तकनीकों के बीच, कई चेतावनी भी उभरी है।

व्यावसायिक मॉडल पर आधारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जो आक्रोश, क्रोध और नकारात्मकता से कमाई करता है, समुदायों और समाजों को अनकहा नुकसान पहुंचा रहा है।

अभद्र भाषा, गलत सूचना और दुर्व्यवहार – विशेष रूप से महिलाओं और कमजोर समूहों पर लक्षित – बढ़ रहे हैं। हमारा डेटा हमारे व्यवहार को प्रभावित करने के लिए खरीदा और बेचा जा रहा है जबकि स्पाइवेयर एवं डिजिटल निगरानी नियंत्रण से बाहर हैं – निजी गोपनीयता की परवाह किए बिना।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सूचना प्रणाली, मीडिया और लोकतंत्र की प्रामाणिकता में दरार डाल सकता है। क्वांटम कंप्यूटिंग साइबर सुरक्षा को नष्ट कर सकती है और जटिल प्रणालियों में खराबी के जोखिम को बढ़ा सकती है। इनमें से किसी से निपटने के लिए हमारे पास वैश्विक आर्किटेक्चर नहीं है। भू-राजनीतिक तनावों से इन सभी मुद्दों पर प्रगति को बंधक बनाया जा रहा है। हमारी दुनिया संकट में है – और लकवाग्रस्त है।

भू-राजनीतिक (geopolitical) विभाजन: सुरक्षा परिषद के प्रयासों को कमजोर कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय कानून को कमजोर कर रहा है। लोकतांत्रिक संस्थाओं में विश्वास और लोगों के विश्वास को कम कर कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग को कम कर रहा है।
हम ऐसे नहीं चल सकते।
यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा बहुपक्षीय प्रणाली के बाहर स्थापित किए गए विभिन्न समूह भी G-20 की तरह भू-राजनीतिक (geopolitical) विभाजन के जाल में फंस गए हैं।
एक समय पर, अंतरराष्ट्रीय संबंध जी-2 दुनिया की ओर बढ़ रहे थे; अब हम जी-नथिंग के साथ समाप्त होने का संकट उठा रहे हैं।
कोई सहयोग नहीं। कोई संवाद नहीं। सामूहिक समस्या का समाधान नहीं।
लेकिन वास्तविकता यह है कि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां सहयोग और संवाद ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।
कोई भी शक्ति या समूह अकेले कार्य नहीं कर सकती।
कुछ लोगों के गठबंधन से कोई भी बड़ी वैश्विक चुनौती हल नहीं हो सकती है।
हमें विश्व के गठबंधन की आवश्यकता है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के आज संबोधन में वैश्विक स्थिति के आंकलन का कुछ अंश।

Related Articles

Leave a Comment