Home चलचित्र अश्लीलता की हद को पार किये बॉलीवुड

अश्लीलता की हद को पार किये बॉलीवुड

Swami Vyalok

by Swami Vyalok
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एक और रहस्य है। विद्वानों से तो हो न पाएगा, शायद आज कल के यंगस्टर्स बता पाएं, क्योंकि यह उनके ही स्तर की बात है। ये साला, हरामखोर महेश भट्‌ट की रंगी-पुती, बुद्धिहीना, महामूर्खा, मोम की गुड़िया बिटिया के ‘बेबी-बंप’ देखने में किसकी दिलचस्पी है? मतलब, ऐसे क्लिप्स न चाहते हुए भी आपके फेसबुक, ट्विटर या कहीं भी ऑनलाइन दिख जाएंगे, जिनमें फोटोग्राफर जैसे भीख मांगते रहते हैं और ये दो कौड़ी के मूर्ख-मूर्खा दांत चियारते हैं या भागते रहते हैं। वैसे ही, इनका भाव थोड़े न बढ़ा है।

48 साल की बूढ़ी घोड़ी मलैका जब बिस्टी (हमारी नानी लंगोट को कहती थीं) पहनके जिम जा रही है, तब ये मौजूद…17 साल की बुद्धिहीना सारा-जाह्नवी जब माइक्रो-मिनी शॉर्ट्स और वक्षबंधनी में योगा-क्लास से निकल रही हैं, तब ये मौजूद…। अरे भाई, शुक्र है कि टॉयलेट में किस कोण से बैठकर वे मल-निष्कासन कर रही हैं, उसकी तस्वीर नहीं तैर रही है। उसके लिए तो हमाए फेसबुक की स्टार ‘चीता अ-यथार्थ’ को ही काम करना पड़ता है।

48 साल की बूढ़ी घोड़ी मलैका जब बिस्टी (हमारी नानी लंगोट को कहती थीं) पहनके जिम जा रही है, तब ये मौजूद…17 साल की बुद्धिहीना सारा-जाह्नवी जब माइक्रो-मिनी शॉर्ट्स और वक्षबंधनी में योगा-क्लास से निकल रही हैं, तब ये मौजूद…। अरे भाई, शुक्र है कि टॉयलेट में किस कोण से बैठकर वे मल-निष्कासन कर रही हैं, उसकी तस्वीर नहीं तैर रही है। उसके लिए तो हमाए फेसबुक की स्टार ‘चीता अ-यथार्थ’ को ही काम करना पड़ता है।

तुम्हीं लोगों ने सर चढ़ाया है भाई, वरना ‘बच्चा जनने की मशीन’ ने ‘वर्कआउट’ के बाद बिना मेकअप की फोटो अभी शेयर की न…आ गया स्वाद! ये साला ठिगना हाजी हो या बंदर जैसी नाक वाला खान, सारा-कारा-डीना-मीना कोई भी हों, इनको आपने इतना भाव दे दिया है कि इनको अपनी औकात ही भूल गयी है।

कौन हैं ये? अनपढ़, जाहिल, मूर्ख, अहंकारी, एरोगैंट, बद्दिमाग, बेहूदा और देशकाल से अनभिज्ञ गधे, जिनकी एकमात्र पहचान इनका सरनेम है। उसे खींच लीजिए, ये किसी लायक नहीं रहेंगे।

कौन हैं ये? अनपढ़, जाहिल, मूर्ख, अहंकारी, एरोगैंट, बद्दिमाग, बेहूदा और देशकाल से अनभिज्ञ गधे, जिनकी एकमात्र पहचान इनका सरनेम है। उसे खींच लीजिए, ये किसी लायक नहीं रहेंगे।

49 साल का बूढ़ा, जनखा, भांड करण जौहर कनफेस करता है कि उसका हिंदी डाउनमार्केट लगती है, फिर भी आप उसके शो को देखते हैं, जिसमें वह अपनी नातिनों की उम्र की लड़की से पूछता है- तुम्हारी सेक्स लाइफ कैसी चल रही है? जिसको जूते पड़ने चाहिए, उसको वाहवाही मिलती है। उस पर तो बाकायदा पॉक्सो एक्ट लगाकर बंद कर देना चाहिए, बच्चियों का यौन-शोषण करता है, वह।

यही महामूर्खा आलिया -जिसका लो आइ-क्यू एक उदाहरण बन गया है- कहती है कि इमोशनल इंटेलिजेंस जरूरी है, बनिस्बत आइक्यू के…और उसको तो अच्छा लगता है, जब कोई उसे मूर्खा कहता है। वाह बेटे, फिसल गए तो डांस कर रहे थे..। है कि नहीं?

एक और बुढ़िया है, जो अपने पति की जींस भरी सभा में खोलती है। वह हमारे समाज की आइकॉन है, लेखिका है, पथ-प्रदर्शिका है। उसके जीवन की एकमात्र उपलब्धि- वह एक बददिमाग, बेहूदा आदमी राजेश खन्ना की बेटी है।

खिलाड़ियों को आइकॉन बनाना तो फिर भी समझ आता है (हालांकि, विराट कोहली जैसे हरामखोर वहां भी हैं), लेकिन ये बंबइया नशेड़ी-गंजेड़ी-चिलमची भांड़ों को?

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