कॉलेज की ट्रिप गई थी । लड़के और लड़कियां मिलाकर कुछ दस बारह होंगे । मुंबई से जरा दूर कई छोटे छोटे वॉटरफॉल बनते हैं बारिश के दिनों में । उनके नीचे काफी मजा आता है । ऐसे ही एक…
आर ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष)
आर ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष)
The one word that makes sense in BELIEF is a LIE. A belief can never be the truth. When you say "I believe" means you are either too tired to find the truth or too scared to face it. Think about it. This thought is my own. You are free to use it without giving any credit to me. I will be happy if you call it your own and are ready to stand by it.
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जाति धर्मआर ऐ -ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष)लेखकों की चुटकीसामाजिकसाहित्य लेख
पंचतंत्र, हम हिन्दू, एक झूठा Deja vu
by आर ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) 55 viewsपंचतंत्र, हम हिन्दू, एक झूठा Deja vu – देजा वू – पूर्वानुभव की भावना और हमारा लंबा और बड़ा नुकसान। सब से पहले एक प्रश्न – क्या आप ने पूरे पंचतंत्र को वाकई संस्कृत में या एक पूरे सत्यनिष्ठ अनुवाद…
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जाति धर्मआर ऐ -ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष)ईश्वर भक्तिमुद्दासामाजिक
बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी का विवाद
by आर ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) 97 viewsबागेश्वर धाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी के साथ विवाद जोड़े जा रहे हैं। कुछ स्टेज शो करनेवालों ने भी धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी द्वारा किये जानेवाले कर्मों के बारे में दावा किया है कि ये कोई ईश्वरी सिद्धियाँ नहीं…
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जाति धर्मआर ऐ -ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष)राजनीतिलेखक के विचारसामाजिक
शत्रुओं से भी सीखना चाहिए।
by आर ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) 41 viewsवे हम से अपने ग्रंथ से कई बातें बताते हैं लेकिन अगर हम कहें कि इन बातों या नियमों की कसौटी पर क्या आप के फलाने फलाने महानुभाव अपराधी पाए जाएंगे या नहीं ? क्या आप उन्हें नरक में भेजने…
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जाति धर्मईश्वर भक्तिप्रेरणादायकराजनीतिसामाजिक
अमन अखलाक से फैला” झूठ
by आर ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) 63 viewsजो “शांति से फैला, अमन अखलाक से फैला” का झूठ हमें परोसते नहीं थकते उनको जवाब देता एक विडिओ मिला। पाकिस्तान के तीन बड़े नाम हैं – डॉ इसरार अहमद (ये वाकई मेडिकल डॉक्टर भी थे, अपने जाकिर जैसे), खादिम…
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ऐतिहासिकआर ऐ -ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष)सामाजिक
सच मुंबई के माता रमाबाई आंबेडकर नगर का
by आर ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) 73 viewsमुंबई में एक जगह है – माता रमाबाई आंबेडकर नगर। वहाँ १९९७ में भीषण दंगे हुए थे। उन दंगों से संबंधित एक ही प्रसंग की यहाँ बात करनी है क्योंकि उस प्रसंग का मैं प्रत्यक्षदर्शी था। पुलिस फायरिंग में मारे…
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Uncategorizedआर ऐ -ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष)चलचित्रजाति धर्ममुद्दाराजनीतिलेखक के विचारसामाजिक
Offensive Symbolism : besharam rang
by आर ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) 95 viewsOffensive Symbolism या अपमानकारक प्रतीकवाद किसे कहते हैं यह समझना हो तो ‘पठान’ फिल्म के ‘बेशरम रंग’ गीत के डिजिटल पोस्टर्सचित्र आदि को देखें, समझदारों को तुरंत समझ आएगा। हैरान हूँ कि अबतक इसपर किसीने सीधी उंगली क्यों नहीं रक्खी…
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चलचित्रआर ऐ -ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष)जाति धर्ममुद्दाराजनीतिलेखक के विचारसामाजिक
“कुछ ज़्यादह नहीं हुआ? ..आप एक हिन्दू हैं।
by आर ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) 54 views“कुछ ज़्यादह नहीं हुआ ?” ऐसा आप सोचें तो आश्चर्य नहीं होगा, लेकिन आप को यह बात कुछ ज़्यादह लगेगी क्योंकि आप एक हिन्दू हैं। जरा बेंगलुरू दंगों को याद करें। क्या किया गया था ? कर्नाटक के हिंदुओं में…
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आर ऐ -ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष)जाति धर्ममुद्दाराजनीतिसामाजिक
हल्के में लेना, आज ऐसे भारी पड़ रहा है ।
by आर ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) 70 viewsमनोरंजन को हमने हल्के में लिया है । यह कब सम्माननीय था पता नहीं और आज उसका महत्व भी नहीं । दो हज़ार साल पहले अगर सम्माननीय रहा होगा तो आज उससे क्या ? सौ सालों से अगर व्यवसाय के…
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आर ऐ -ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष)अर्थव्यवस्थानयामुद्दासामाजिक
देश को संगठित करने के लिए धन की आवश्यकता
by आर ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) 99 viewsसमाज हो या देश, संगठित हो कर लड़ने के लिए धन आवश्यक होता है। इसके लिए देश कर लेता है। करों से ही देश की अर्थव्यवस्था चलती है। युद्ध लड़ने के लिए पहले यह निर्धारित किया जाता है कि किस…